सोशल मीडिया कभी वरदान तो कभी अभिशाप साबित होता है, और यह एक तथ्य है कि लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई तकनीकी का कुछ तत्व दुरुपयोग करते हैं। गौरतलब है कि हाल ही में कश्मीर के बडगाम में सुरक्षों बलों पर हुए पथराव में सोशल मीडिया का ही इस्तेमाल किया गया था।
जम्मू-कश्मीर की पुलिस का मानना है कि आतंकी संगठनों ने कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर उकसाने के लिए कुछ व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए है। जिसमें सुरक्षाबलों से जुड़ी सारी गतिविधियों का ब्यौरा ग्रुप में साझा किया जाता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया है कि पत्थरबाजी के लिए जो व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए गए हैं, उनका एडमिन पाकिस्तान से है।
आतंकी संगठन ग्रुप में सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे एनकांउटर की सटीक लोकेशन ग्रुप में भेजते हैं ताकि कश्मीर के युवा उस लोकेशन पर पहुंच जाएं और अड़चन डालने के लिए उन पर हमला बोल सकें। इतना ही नहीं ग्रुप में एक जगह के युवाओं को अगली जगह के युवाओं से जोड़ने के लिए लिंक भी शेअर किए जाते हैं।
आपको बता दें कि मंगलवार के बडगाम के एक घर में छिपे आतंकी को पकड़ने की मुहीम में सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों पर पत्थरबाजी की गई थी। जिसमें तीन नागरिक मारे गए थे और वहीं सीआरपीएफ के 63 जवान घायल हो गए थे। हालांकि इस मुद्दे पर कश्मीर सरकार ने सख्त रुख अपनाया, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपील की कि अगर आपको परेशानी है तो प्रशासन से बात करें न की पत्थरबाजी साथ ही सेना प्रमुख बिपिन रावत ने चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकियों की मदद करने वालों को भी आतंकी ही समझा जाएगा।