लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारत-पाक के बीच विश्वसनियता कायम करने के लिए सरकार द्वारा 2008 में सलामाबाद और चकनदाबाग सीमा चौकी पर 21 प्रॉडक्ट्स की लेन देन की शुरुआत की गई थी। लेकिन एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत सरकार को एक निजी पत्र लिख इस कारोबार पर तुरंत रोक लगाने की सिफारिश की हैं। पत्र के माध्यम से अधिकारी ने कहा,’व्यापार की आड़ में पाकिस्तान बड़े पैमाने पर आतंकी फंडिंग कर जम्मू कश्मीर में अशांति भड़काने की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।’ अधिकारी ने बताया कि यह कारोबार भारत के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। जिस विश्वसनियता पर सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू किया था, उस  समझौते का पालन वह नहीं कर रहा। सरकार इस ट्रेड को तब तक बंद करे जब तक एक बेहतर निगरानी तंत्र न बने।

बता दें कि बीते सात महीनों में एनआईए ने 300 से ज्यादा मशहूर कारोबारियों, हवाला ट्रेडर्स और अलगाववादियों के यहां छापे मारी कर हजारों दस्तावेज खंगाले। इस दौरान उन्हें कई अनियमितताओं के बारे में पता चला। जिसकी एनआईए अब रिपोर्ट तैयार कर रही है। 300 ट्रेडर्स में कम से कम पांच ऐसे निकले, जो आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े हैं। बाकियों के संबंध अलगाववादियों और घाटी में पत्थरबाजी के मामलों के संदिग्धों से निकले हैं। एनआईए को शक है कि एलओसी ट्रेड और हवाला नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान ने करोड़ों रुपये घाटी में भेजे। बाद में इसी पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं को बढ़ावा देने में किया गया।

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