कॉर्बेट टाइगर रिजर्व यानि दुर्लभ वन्यजीवों का अड्डा, उनके घूमने और आजाद रहने की जगह जो देश ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। जहां हर वाइल्ड लवर खींचा चला आता है। बाघ जैसे शानदार शिकारी की धमक और गरज सुनने के लिये। लेकिन, इन वन्यजीवों की सुरक्षा भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

शानदार शिकारी बाघ के लिये सुरक्षा कवच

इन दिनों कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मानसून के इस सत्र में ऑपरेशन मानसून चलाया जा रहा है। जिससे कि बाघ जैसे शानदार वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ऐसे में वनकर्मी फायर सीजन गुजर जाने बाद ऑपशन मानसून में जुट गए हैं। इन दिनों कॉर्बेट में ऑपरेशन मानसून के तहत गश्ती टीम का सघन दौरा जारी है। कॉर्बेट पार्क में प्रतिवर्ष 15 जून से बरसात का सीजन समाप्त हो जाने तक ऑप्रेशन मानसून के तहत बाघों की सुरक्षा का अभियान चलाया जाता है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा उपलब्ध सारे संसाधन इस्तेमाल किये जा रहे हैं। ताकि, शिकारियों से बाघों की सुरक्षा की जा सके।

शिकारियों को मार गिराने की तैयारी

देश में सबसे ज्यादा बाघों के घनत्व के लिए जाने जाने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है, जो बेहद संवेदनशील है। यहां से बावरिया गिरोह और अन्य शिकारियों के घुसने की संभावना हमेशा बनी रहती है। बाघों की सुरक्षा के लिये यहां पैदल, हाथी, ड्रोन कैमरे और खोजी कुत्तों द्वारा गश्ती कराई जा रही है। जिससे कि यहां किसी भी संदिग्ध के घुसने की संभावना ना रहे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर भी इंटर स्टेट गश्ती का भी आयोजन समय-समय पर किया जाता है।

हाथी, ड्रोन और खोजी कुत्तों के साथ गश्ती

वन्यजीवों की सुऱक्षा में लगे ये वनकर्मी छह से सात लोगों की टुकडियों में लम्बी गश्त पर निकलते हैं। कॉर्बेट प्रशासन द्वारा इन वनकर्मियों को हथियारों के साथ ही उन्नत तकनीक से लैस किया जाता है। जिससे जंगल की शान और लुप्त होने शानदार शिकारी को आने वाली पीढ़ियां देख कर खुश हो सकें और प्राकृतिक संतुलन भी बना रहे।

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