1 जुलाई 2015 वो तारीख है जब भारत में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने डिजिटल इंडिया की नीव रखी। यह नीव अब इमारत में तब्दील हो गई है। इमारत दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके साथ ही आज डिजिटल इंडिया ने छह साल पूरे कर लिए हैं।

इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस मौके पर आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत रविशंकर प्रसाद के भाषण से हुई। पीएम मोदी ने शिक्षा को लेकर कई अहम मुद्दे याद दिलाएं।

लाभार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, डिजिटल इंडिया समय की मांग है। कोरोना ने इस मांग को और बढ़ा दिया है। कोरोना काल में बच्चों के लिए डिजिटल इंडिया कारगार रहा। सस्ते इंटरनेट के साथ इसे गांव गांव पहुंचाना हैं।

पीएम आगे कहते हैं, राष्ट्र 5-6 सालों में तेजी से आगे बढ़ा है। इस सपने को पूरा करने के लिए हम दिन रात लगें हुए हैं। इनोवेशन का जूनून है तो इसे हासिल करना एक जज्बा है। डिजिटल इंडिया भारत का सपना है, संक्लप है, साधना है। जनता और सरकार के बीच समय के गैप को कम करना आज की मांग है। डिजिटल इंडिया ने ये कैसे संभव किया है इसका शानदार उदाहरण DigiLocker है। स्कूल सर्टिफिकेट से लेकर दूर जरूरी डॉक्युमेंट्स इसमें सुरक्षित रहते हैं। कोरोना के इस काल में कई शहरों के स्कूल कॉलेज में इसी की मदद से वेरिफिकेशन किया जा रहा है।

बिजली बिल, पानी बिल कोर्ट के फैसले, जनता से संवाद यह सब डिजिटल इंडिया के कारण ही संभव हो पाया है। डिजिटल इंडिया के वजह से किसानों के खाते में आसानी से उनके हक का पैसा जा रहा है। उन्हें आसानी से लोन मिल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यह एक क्रांति है। वैक्सीन सर्टिफिकेट आसानी से ऑनलाइन मिल रहा है। यह सब डिजिटल भारत की देन है।

डिजिटल इंडिया का महत्व कोरोना काल में सबसे अधिक पता चला है। युवाओं के लिए यह एक बेहतर सुविधा साबित हुई है। ऑनलॉइन शिक्षा नहीं होती तो कोरोना काल में बच्चों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है। आज देशवासियों के पास स्मार्टफोन नहीं होता तो जमीन और आसमान का अंतर समझ आता।

डिजिटल भारत के तहत गांव गांव इंटरनेट पहुंचाने की कोशिश जारी है। डिजिटल इंडिया मतलब सब कुछ पानी की तरह साफ, कोई भी जानकारी चाहिए इंटरनेट पर खोज लो।

इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी जगह वाईफाई उपल्बध कराने की कोशिश हो रही है। कम दाम पर टैबलेट दिया जाएगा। इन छह सालों के भीतर लोगों के खाते में 17 लाख करोड़ रुपया सीधे भेजा गया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है जब समृद्ध देश यह काम नहीं कर पा रहे थे उस वक्त भारत लोगों के खाते में पैसा भेज रहा था।

5G तकनीकी में बड़ा बदलाव होने वाला है। भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार  है। डेटा पावर हाउस के रूप में भी भारत को इसका एहसास है। डेटा प्रोटेक्शन के लिए भी काम चल रहा है। सिक्योरिटी पर भी ये काम कर रहा है। ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडैक्स में दुनिया के टॉप टेन देशों में भारत भी शामिल हो गया है। हमें मिलकर प्रयास करना होगा।

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