आयकर विभाग इन दिनों काले धन को उजागर करने वाली योजना ऑपरेशन क्लीन मनी पर सख्ती से काम कर रहा है। नोटबंदी के दौरान करीब 18 लाख लोगों ने अपने खाते में 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा कराया था। ऐसे लोगों को आयकर विभाग ने 15 फरवरी तक एसएमएस, ई-मेल और बेवसाइट के जरिए जवाब देने को कहा था, लेकिन इनमें से करीब 9 लाख लोगों ने आयकर विभाग को अबतक कोई जवाब नहीं दिया है। लिहाजा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनके खातों में जमा रकम को संदिग्ध मान रहा है।
ऑपरेशन क्लीन मनी पार्ट-2
आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद काले धन का पता लगाने के लिए क्लीन मनी अभियान का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसके तहत 60,000 नोटिस जारी किए जाएंगे। सीबीडीटी ने इस बारे में कहा कि आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद से 28 फरवरी तक 9,334 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है। सरकार ऑपरेशन क्लीन मनी पार्ट-2 के तहत उन लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने सिस्टम में शामिल होने के बावजूद कालेधन का खुलासा नहीं किया है या फिर सरकार को जिन पर संदेह है कि उनके पास बड़ी मात्रा में कालाधन है।
आईटी ने पहले ही दी थी चेतावनी
आपको बता दें कि सरकार और आयकर विभाग पिछले तीन महीने से ऑपरेशन क्लीन मनी को सफल बनाने और नोटबंदी के दौरान हुए पैसों की हेरा-फेरी का पता लगाने में लगी हुई है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने ऐसे लोगों की पहचान करने के बाद एक सूची भी तैयार कर ली है। आयकर विभाग के अनुसार देश में कई लोगों के पास अनेकों खातें हैं और उन्होंने नोटबंदी के दौरान उन खातों में मोटी रकम जमा कराई है। आईटी विभाग ने बताया कि ऐसे खाताधारकों ने अपने खातों की सही जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई है। सरकार ऐसे लोगों की सूची तैयार करके उनपर सख्त कार्यवाई करने जा रही है।
गौरतलब है कि ऑप्ररेशन क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों से जबाव मांगा था। विभाग ने कहा था कि ऐसे खाताधारक 15 फरवरी तक अपने खाते में जमा कराए गए पैसों का स्पष्टीकरण भेज दें। आयकर विभाग ने चेतावनी भी दी कि अगर 31 मार्च के बाद भी खाताधारक अपनी आय को छुपाने की कोशिश करते पाए गए तो ऐसे लोगों पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।