वायु प्रदूषण ने भारत के साथ-साथ दुनियाभर में मुसीबतें खड़ी कर रखी है। वायु प्रदूषण के कारण दिन-ब-दिन ग्लोबल वार्मिंग में इजाफा हो रहा है। भारत और चीन में पर्यावरण की हालत बद से बदतर है। देश की राजधानी दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदुषित शहरों में गिना जाता है। ऐसे में भारत का पुराना दोस्त जापान अपने दोस्त के लिए आगे आया है। जापान ने भारत में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्यां को देखते हुए मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सु ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात कर उसने इस समस्या पर जापान के अनुभवों से भारत की मदद करने की पहल की है।

हिरामत्सु ने डॉ. हर्षवर्धन को बताया कि 60 और 70 के दशक में जापान को भी ऐसी ही समस्याओं से जूझना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए टोक्यो अपनी ब्लू स्काई पहल के तहत भारत को सहयोग देने के लिए तैयार है। उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की जापान की ब्लू स्काई तकनीक के विभिन्न पहलुओं से भी केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया।

डॉ. हर्षवर्धन ने जापान की पहल को सार्थक बताते हुए हिरामत्सु को दिल्ली में जारी क्लीन एयर अभियान के शुरुआती सकारात्मक परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के विश्लेषण के बाद राष्ट्रीय स्तर पर ‘ स्वच्छ हवा’अभियान चलाया जाएगा।

कार्यक्रम में फिजी के अटार्नी जनरल और आर्थिक मामलों के मंत्री अय्याज सैयद खयुम ने भी डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन को वैश्विक खतरा मानते हुए साल 2020 से पहले पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने कॉप-23 में सभी देशों को एक मंच पर लाने के लिए फिजी के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।

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