आज  2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन तकरीबन 3 लाख डॉक्टर गांधीगिरी का रास्ता अपनाएंगे। सुरक्षा की लंबे समय से मांग कर रहे डॉक्टरों ने सरकारी उदासीनता के विरोध में एकदिवसीय अनशन का फैसला किया हैइंडियन एशोसिएशन की ओर से पूरे देश में यह प्रदर्शन एक साथ किया जाएगा। बता दें इससे पहले इस वर्ष के जून महीने में संगठित विरोध प्रदर्शन किया था।

डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तो आगे भी ऐसे विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि, पिछले काफी समय से देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं। मरीज के परिजन बेखौफ होकर अस्पतालों पर धावा बोल देते हैं।

डॉक्टरों का मानना है कि अस्पताल में कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो उसका सारा दोष डॉक्टरों पर मढ़ दिया जाता है, जबकि सारा दोष डॉक्टरों का नहीं होता है बल्कि अस्पतालों में संसाधनों की कमी और सरकार की नाकामी सबसे बड़ा कारण होता है। जिसका खामियाजा हम डॉक्टरों को भुगतना पड़ता है।

इस विरोध प्रदर्शन में 31 राज्य और 1700 स्थानीय शाखाओं से जुड़े डॉक्टर शामिल होंगे। सुबह 10 बजे से आईएमए भवन के पास डॉक्टरों का जमावड़ा लगेगा। जहां वह शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

डॉक्टरों ने मांग की है कि, उनको व्यवसायिक और कार्यस्थल पर सुरक्षा के कानून मुहैया कराई जाए, पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) एक्ट में क्लेरिकल मिस्टेक पर डॉक्टर्स को जिम्मेदारी से अलग किया जाए, नेशनल मेडिकल काउंसिल व एक्सिट परीक्षा का प्रपोजल वापस लिया जाए और पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) कानून में संशोधन किया जाए।

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