रेलवे ने यात्रियों पर किराये का ज्यादा बोझ न डालने के साथ कमाई के लिए एक और नया रास्ता ढूंढ लिया है। अब रेलवे खिलाड़ियों की तर्ज पर कुलियों और पोर्टर की ड्रेस का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए करेगा।  उत्तर मध्य रेलवे जोन के इलाहाबाद समेत सभी प्रमुख स्टेशनों पर शीघ्र ही कुली और पोर्टर अपनी वर्दी के जरिए विज्ञापन करते नजर आएंगे। इतना ही नहीं जोन के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लगे एनाउंसमेंट सिस्टम से भी विज्ञापन का प्रसारण होगा।

घाटे में चल रही भारतीय रेल को उबारने के लिए 2014 से अब तक समय-समय पर माल किराए के साथ यात्री किराये में बढ़ोतरी की गई है।  इसी दौरान राजधानी, शताब्दी, दुरंतो श्रेणी की ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर सिस्टम भी लागू किया गया। आय बढ़ाने के लिए रेलवे ने यात्री किराया और माल किराए में बढ़ोतरी न करते हुए विज्ञापनों के जरिए कमाई करने की तौयारी की है। रेलवे ने कुलियों की ड्रेस पर विज्ञापन छाप कर कमाई करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

बोर्ड की ओर से इससे संबंधित पत्र सभी जोन रेलवे को जारी किया गया है। यात्रियों पर किराये का बोझ न पड़े, इसके लिए एनसीआर जोन में कुली और पोर्टरों की ड्रेस के जरिए विज्ञापन का प्रस्ताव मांगा गया है।

आपको बता दें कि एनसीआर के इलाहाबाद, कानपुर, अलीगढ़, झांसी, मथुरा, आगरा, मिर्जापुर, ग्वालियर, इटावा सहित कई बड़े स्टेशनों पर कुलियों और पोटर्रों की वर्दी पर विज्ञापन देकर कमाई होगी। रेलवे की ओर से ही कुलियों को वर्दी उपलब्ध कराई जाएगी।  प्रयोग सफल रहा तो रेलवे रनिंग स्टाफ की वर्दी पर भी विज्ञापन छापेगा।

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