इसरो की सफलता सिर्फ इतिहास ही नहीं रच रहा बल्कि वह भारत को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर मजबूती से खड़ा होने की हिम्मत भी दे रहा है। पिछले हफ्ते के शुक्रवार को भारत ने 31 उपग्रहों को अंतिरक्ष में भेजा जिसमें 30 उपग्रह विदेशी और एक भारतीय उपग्रह कार्टोसैट-2 था। इस भारतीय उपग्रह कार्टोसैट-2 के साथ ही भारत द्वारा दुश्मनों पर निगाह रखने वाले उपग्रहों की संख्या 13 हो गई है। ये सैटेलाइट जमीन और पानी दोनों ही जगह अपनी पैनी नजरे गढ़ाए रहेगा। ये सैटेलाइट सीमावर्ती इलाकों में मैपिंग के लिए उपयोग में आते हैं जिनका मुख्य कार्य पड़ोसी देशों और दुश्मन राज्यों पर निगरानी करना होगा।

बता दें कि इन उपग्रहों को इसरो के सबसे भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी के जरिये भेजा गया था। इसी के साथ सूत्रों के मुताबिक भारत एंटी सैटेलाइट वेपन (ASAT) भी लांच कर सकता है जो दुश्मनों के सैटेलाइट को नष्‍ट कर सकती है। केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास इस तरह के वेपन हैं।

वहीं इसरो के अनुसार अधिकतर उपग्रहों को पृथ्वी के ऑर्बिट के पास लगाया गया है। इस तरह करने से उपग्रह अच्छे से पृथ्वी की स्कैंनिग करती है। कार्टोसैट-2 का रिज्योलूशन 0.6 मीटर है जिससे बारीकी चीजों का भी पता लगाया जा सकता है। साथ ही यह किसी भी निर्धारित जगह की निश्चित तस्वीर खींचनें में सक्षम है। अब तक निगरानी के लिए 13 उपग्रहों में रिसैट-1,रिसैट-2, कार्टोसैट-1 और कार्टोसैट आदि शामिल है।

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