लोकसभा के शीतकालीन सत्र में DMK सांसद की ‘गौमूत्र राज्य’ की टिप्पणी से एक बार फिर ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ बहस चर्चा में आ गई है। इससे पहले, उत्तर बनाम दक्षिण की बहस 5 राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद सुलगी थी। जिसमें, बीजेपी को तीन और कांग्रेस को 1 राज्य में सत्ता हासिल होने पर देशभर में दोनों दलों का उत्तर और दक्षिण भारत में वर्चस्व पर चर्चा हो रही थी।
जहां एक ओर बीजेपी के आलोचकों का मानना है कि बीजेपी की सत्ता केवल हिंदी पट्टी पर ही है, जहां पार्टी की विचारधारा को समर्थन मिलता है। वहीं, देश के दक्षिणी राज्यों ने बीजेपी को सत्ता का ताज नहीं पहनने दिया है। इस डिबेट पर बीजेपी का कहना है कि यह बहस देश और लोगों को बांटने के लिए है। जिसको विपक्ष विभाजनकारी अजेंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
उत्तर बनाम दक्षिण
साल 2023 की शुरुआत में, कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से जीता और दक्षिण में बीजेपी जिस एक राज्य में थी उसे भी छीन लिया। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत से दक्षिण में वह और भी मजबूत बनकर उभरी है। अन्य दक्षिणी राज्यों की बात करें तो केरल में एलडीएफ और तमिलनाडु DMK पार्टी शासन कर रही है। हालाँकि, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के जगनमोहन रेड्डी का शासन है। साल 2023 में कांग्रेस की दक्षिण के 2 राज्यों में पूर्ण बहुमत से सरकार बनने पर कांग्रेस की स्थिति यहां मजबूत मानी जा रही है।
वहीं, भारत के उत्तरी और मध्य राज्यों में बीजेपी की अधिक जगहों पर सरकार है। बता दें, हाल ही में 5 राज्यों के विधान सभा चुनावों के नतीजे आने के बाद 3 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है । हालांकि इनमें अधिकतर हिन्दी भाषी राज्य हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत दर्ज करकर बीजेपी ने मध्य भारत में अपनी पकड़ को अच्छी तरह से मजबूत कर दिया है। इन तीन राज्यों के अलावा, बीजेपी महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी मौजूद है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ बहस के निर्माण से सांस्कृतिक और भाषाई अंतर को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, जीडीपी जैसे पैमानों पर राज्यों की तुलना होती है। जिससे देश में, यूनिटी में दरार आने की संभावना रहती है।
PM मोदी ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “उत्तर बनाम दक्षिण” का मुद्दा बनाने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर सीधा निशाना साधा है। बता दें, पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट के जवाब में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर तंज कसा।
इस पोस्ट में लिखा गया, “वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता से खुश रहें। लेकिन, उनके विभाजनकारी एजेंडे से सभी सावधान रहें। उनकी 70 साल पुरानी आदत इतनी सरलता से नहीं जाएगी। साथ ही, लोगों की समझदारी भी ऐसी है कि वे आगे कई और मंदी के लिए तैयार रहना होगा,”। एक्स पर यह पोस्ट खूब ट्रेंड कर रहा है देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने छेड़ा उत्तर बनाम दक्षिण का मुद्दा
कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने बीते रविवार को अपने सोशल मीडिया कर दिया कि दक्षिण-उत्तर सीमा रेखा ‘मोटी और स्पष्ट’ होती जा रही है, क्योंकि पार्टी ने तेलंगाना में बीआरएस को पछाड़कर दक्षिणी क्षेत्र में दूसरी जीत दर्ज की, जहां भाजपा एक भी राज्य में नहीं है। जिसपर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरते हुए विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद प्रवीण ने एक्स से अपने इस बयान को डिलीट कर दिया।