‘रैनसमवेयर वानाक्राई’ साइबर हमले से जहाँ एक तरफ दुनियाभर के 150 से ज्यादा देश प्रभावित हुए हैं वहीं भारत पर इसका कोई  गंभीर असर नहीं हुआ है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से मुखातिब होते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने  कहा कि केरल व आंध्र प्रदेश में  कुछ छिटपुट मामले सामने आए हैं पर उन पर आसानी से काबू कर लिया जाएगा।

प्रसाद ने कहा कि नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा संचालित सभी प्रणालियां सुरक्षित हैं और सुचारु रूप से काम कर रही हैं।  इस तरह के किसी भी हमले से बचने के लिए जरुरी  उपाय कर लिए गए हैं  और साइबर समन्वय केंद्र इसकी निगरानी कर रहा है। उन्होने कहा कि इन सब के बावजूद भी आईटी विभाग और बाकी विभाग मिलकर इसपर पूरा नजर रखे हुए हैं और हमारी तैयारी, हमारी मॉनिटरिंग, हमारा कोऑर्डिनेशन तीनों चल रहा है।

इस बीच सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर अपराध मोचन टीम (आईसीईआरटी)  ने अपनी वेबसाइट पर वानाक्राई साइबर हमले से बचाव के कई तरीके सुझाते हुए लोगों से साइबर हमलावरों की धमकियों के जाल में नहीं फंसने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि ऐसा कुछ भी हो तो इसकी जानकारी तुरंत स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचाई  जाएं ।

बचाव के तरीकों को बताते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए सुरक्षा पैच लगाने और संदिग्ध ई-मेल संदेशों को खोलने और उनके साथ अटैच की गई फाइलों को डाउनलोड करते वक्त लोग पूरी सावधानी बरतें ।

कहा जा रहा है कि ‘रैनसमवेयर वानाक्राई’ साइबर हमले के पीछे एक बहुत बड़ी साजिश है और हैकर्स वानाक्राई के जरिए विंडोज आधारित कंप्यूटर प्रणाली को निशाना बना रहे हैं और उसके पासवर्ड को लॉक कर  इसे खोलने के लिए डॉलर में फिरौती की मांग कर रहे हैं।

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