केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्रियों एवं राज्य के मंत्रियों पर चीन की यात्रा के लिए प्रतिबंध नहीं है और राज्य के कनिष्ठ मंत्रियों समेत विपक्ष के नेताओं ने भी वहां का दौरा किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बिहार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह इसी वर्ष अप्रैल में चीन की यात्रा पर गये थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी समय-समय पर चीन की यात्रा की है।

भाजपा शसित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में सुश्री आनंदी बेन पटेल (गुजरात) और श्री देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र) ने 2015 में तथा श्री मनोहर लाल खट्टर(हरियाणा), डॉ. रमन सिंह(छत्तीसगढ़) एवं श्रीशिवराज सिंह चौहान(मध्य प्रदेश) ने 2016 में चीन का दौरा किया था। अलग-अलग समय पर चीन की यात्रा कर चुके मंत्रियों में तेलंगाना के उद्योग मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव एवं उर्जा मंत्री जगदीश रेड्डी, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, मध्य प्रदेश की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, महाराष्ट्र के संसदीय मामलों के मंत्री गिरीश बापट एवं कृषि मंत्री पांडुरंग फंडकर भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार के सूत्रों ने खुलासा किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अपनी चीन की यात्रा को कथित रूप से अनुमति नहीं दिये जाने के लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना के बाद विदेश मंत्रालय समेत अन्य मंत्री सरकार के पक्ष में सामने आये हैं। गत सात अगस्त को सुश्री बनर्जी ने ट्विटर पर अपनी ‘अनटचेबल’ शीर्षक से कविता पोस्ट की थी , जिसमें उन्होंने चीन और शिकागो यात्रा के लिए कथित रूप से अनुमति नहीं दिये जाने तथा दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज से मिले आमंत्रण को रद्द किये जाने को लेकर भाजपा-नीत सरकार को निशाने पर लिया था।

उल्लेखनीय है कि गत जून में सुश्री बनर्जी ने चीन के नेताओं के साथ बैठक की पुष्टि नहीं किये जाने के बाद वहां की यात्रा रद्द कर दी थी। सुश्री बनजी ने कहा था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राजनीतिक वार्ता के लिए भारतीय अधिकारियों की अगुवाई के लिए कहा था और इसके बाद ही उन्होंने चीन जाने का निर्णय लिया था।

साभार ईएनसी टाईम्स

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