आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए चंडीगढ़ में राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। अब सभी लाभ लेने वालों को पीएम नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजा जाएगा। उसके आधार पर लाभार्थियों का कार्ड बनेगा। कार्ड बनने के बाद वे चंडीगढ़ के किसी भी सरकारी अस्पताल में सालाना पांच लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं। इसके अलावा दो प्राइवेट हॉस्पिटल ईडेन और शमशेर भी इस स्कीम में शामिल किये गये हैं।

अब तक कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड जरूरी था लेकिन चंडीगढ़ में राशन कार्ड की व्यवस्था ही खत्म कर दी गई है। इससे लोगों के आयुष्मान भारत के कार्ड नहीं बन पा रहे थे। प्रशासन ने इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से बात की और इसका विकल्प ढूंढ निकाला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से चंडीगढ़ के सभी 24 हजार फैमिली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर युक्त लेटर भेजे जा रहे हैं।

ये पत्र इस सुबूत होगा कि व्यक्ति लाभार्थी की सूची में है और सत्यापित है। कई लोगों के घर ये लेटर पहुंच चुके हैं और वे लेटर लेकर काउंटर पर पहुंच रहे हैं। नए निर्देश के बाद चंडीगढ़ में आयुष्मान भारत योजना ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक शहर के हास्पिटलों में 80 से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत इलाज कराया जा चुका है।

चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी हास्पिटल में रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए हैं। ये काउंटर जीएमएसएच 16, सिविल हास्पिटल मनीमाजरा, सेक्टर 22, सेक्टर 45 और मेडिकल कालेज। पीजीआई के नेहरू हास्पिटल में भी इसका एक काउंटर है। इन जगहों से कार्ड बनवाइए और हर साल पांच लाख का हेल्थ इंश्योरेंस प्राप्त कर सकते हैं। अब रोजाना 300 से ज्यादा लोगों को रजिस्टर्ड किया जा रहा है, जबकि पहले 30 से 40 लोगों का होता था।

बता दें आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति का नाम लाभार्थी की सूची में होना जरूरी है। यह सूची साल 2011 में हुए आर्थिक-समाजिक सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। नाम आने के बाद व्यक्ति को अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर आयुष्मान भारत के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाना होगा। वहां पर बैठे कर्मचारी वेरिफाई करेंगे और मात्र आधे घंटे के भीतर कार्ड बन जाएगा। उसके बाद वह इस योजना का हकदार हो जाएगा।

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