बिहार में  महागठबंधन के टूटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेकहा कि अगर हम महागठबंधन नहीं तोड़ते तो वे हमारी पार्टी तोड़ देते। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि लालू यादव ने हमेशा हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश की और वे महागठबंधन टूटने से 15 दिन पहले भी विधायकों को प्रलोभन देने से बाज नहीं आ रहे थे।

बिहार विधानसभा के विशेष सत्र से पहले पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने दो टूक कहा कि अपनी पार्टी को महागठबंधन के लिए डुबो देते क्या? 15 दिन से जदयू को तोड़ने का खेल चल रहा था। ऐसी स्थिति में महागठबंधन सरकार चलाना असंभव हो गया था।

नीतीश ने कहा कि हमने तो सिर्फ तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों पर एक्सप्लेनेशन देने को कहा था लेकिन वे जोड़-तोड़ में लग गये। वे बात-बात में दावा करने लगते हैं कि कम विधायक होने के बावजूद भी हमने नीतीश को सीएम बनाया। नीतीश ने कहा कि वे भूल जाते हैं कि 2010 के विधानसभा चुनाव में वे सिर्फ 22 विधायकों पर सीमित हो गए थे। हालांकि राजद ने इस बयान को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नही दी है।

सृजन घोटाले पर नीतीश ने कहा कि धरती पर कोई चाहकर भी सृजन घोटाले की जांच को लेकर कोई दबाव नहीं बना सकता। यह मामला तो फर्जीवाड़े का है और अंतिम दम तक सरकार के डूबे पैसे की वापसी के लिए लड़ेंगे।

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शरद यादव पर टिप्पणी करते हुए नीतीश ने कहा कि वे अपनी इच्छा से इस्तीफा दें या ना दें, उनका सदस्यता जाना तय है। उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लिया है।

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