बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में तंबाकू (खैनी) पर प्रतिबंध लगाने की अटकलों के बीच स्पष्ट कर दिया है कि तंबाकू पर रोक लगाने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में तम्बाकू पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि खैनी नहीं खाने के लिए बिहार के लोगों को प्रेरित जरूर किया जाएगा।’बता दें कि इससे पहले कहा जा रहा था कि बिहार सरकार राज्य में तम्बाकू को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है।
इससे पहले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रतिबंध की खबरों का खंडन किया और कहा कि खैनी पर प्रतिबंध के लिए केंद्र सरकार को कोई पत्र नहीं भेजा गया है एक न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, कि पांडेय खैनी के खिलाफ हैं क्योंकि गुटखा और खैनी ही मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण हैं। पांडेय ने कहा, लेकिन केंद्र से इस पर बैन के लिए हमने कभी नहीं कहा। लोगों को इसको नहीं खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गौरतलब है कि खैनी मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। खास बात यह है कि बिहार में हर पांचवे व्यक्ति को खैनी खाने की आदत है और इस मामले में देश पर यह राज्य पहले पायदान पर है। बिहार में तम्बाकू की खेती बहुत बड़े पैमाने पर होती है और वहां यह किसानों की आय का भी मुख्य जरिया है।
हालिया मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बिहार सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र लिखकर खैनी को खाद्य पदार्थ में शामिल करने का आग्रह किया था। इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद ही इस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) एक्ट के तहत जिस खाद्य पदार्थ में तंबाकू या निकोटिन पाया जाता है, उसे बैन करने का प्रावधान है।