Nitin Gadkari: “समय से सरकार नहीं ले रही फैसले”, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इशारों-इशारों में कह दी चुभने वाली बात

एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर मुंबई की ओर से आयोजित कार्यक्रम NATCON 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी या संसाधनों से अधिक जरूरी समय है।

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कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर जानें क्या बोले Nitin Gadkari
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Nitin Gadkari: अक्सर अपनी बेबाक बयानी से चर्चा में रहने वाले नितिन गडकरी एक बार फिर अपने बयान के चलते सुर्खियां बटोर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार समय से फैसले नहीं लेती और यह एक समस्या है। NATCON 2022 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि आप चमत्कार कर सकते हैं। यहां संभावनाएं भी मौजूद हैं और क्षमता भी है।

मेरा कहना है कि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर का भविष्य सुनहरा है। हमें अच्छी तकनीक और नए सुधारों को स्वीकार करना होगा। हमें भारत और दुनिया की अच्छी रिसर्च और सफल प्रैक्टिस को स्वीकार करना होगा।

Nitin Gadkari: "समय से सरकार नहीं ले रही फैसले"; केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इशारों-इशारों में कह दी चुभने वाली बात
Nitin Gadkari

एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर मुंबई की ओर से आयोजित कार्यक्रम NATCON 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी या संसाधनों से अधिक जरूरी समय है। हमारे पास वैकल्पिक मटेरियल होना चाहिए ताकि हम क्वालिटी से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें। समय निर्माण में सबसे अहम चीज है। समय सबसे बड़ी पूंजी है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर फैसले नहीं ले रही है।

Nitin Gadkari: "समय से सरकार नहीं ले रही फैसले"; केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इशारों-इशारों में कह दी चुभने वाली बात
Nitin Gadkari

हालांकि नितिन गडकरी के इस बयान पर बीजेपी के नेताओं का कहना है कि गडकरी के यह शब्द किसी सरकार विशेष के लिए नहीं बल्कि सामान्य तौर पर सरकारों के लिए कहे गए हैं।

Nitin Gadkari: संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने पर हुई थी काफी चर्चा

बता दें कि हाल ही में बीजेपी ने संसदीय बोर्ड का नए सिरे से गठन किया। संसदीय बोर्ड में पहले नितिन गडकरी सदस्य थे, लेकिन नई टीम के गठन के साथ उन्हें बोर्ड से बाहर कर दिया गया। इस फैसले को नितिन गडकरी के बयानों और पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से उनके रिश्तों से जोड़कर देखा जा रहा है। नितिन गडकरी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं और संघ के बेहद करीबी नेताओं में शुमार किए जाते हैं। ऐसे में संसदीय बोर्ड से उनके बाहर होने पर काफी चर्चा हो रही थी।

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