भारत इस वक्त आतंकवादियों और आतंक को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त हो गया है। कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों की अब खैर नहीं क्योंकि  टेरर फंडिग केस की जांच कर रही एनआईए को आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। जिसके शिकंजे में हुर्रियत के कई नेता फंस सकते हैं।

दरअसल टेरर फंडिंग मामले में एनआईए को अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों से कई अहम सबूत मिला हैं। साथ ही आरोपियों ने अपने बयान भी दर्ज करा दिए है, जिसमें बताया गया है कि हुर्रियत नेताओं ने घाटी में हिंसा फैलाने के लिए पाकिस्तान से पैसे लिए हैं। वहीं एनआईए के हाथ कुछ ऐसे अहम दस्तावेज भी लगे हैं, जिसके आधार पर हुर्रियत नेताओं पर कार्रवाई करने में आसानी होगी।

सबुत के आधार पर बताया जा रहा कि सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक जैसे बड़े अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसे जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

खबरों के मुताबिक हुर्रियत के एक टॉप नेता के करीबी सहयोगी समेत 5 लोगों को मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाने  के लिए राजी कर लिया गया है। इनके बयानों से यह साबित हो जाएगा कि हुर्रियत के नेताओं ने पाकिस्तान से फंड लेकर उसे कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल किया।

एनआईए की जांच में पता चला है कि इस टेरर फडिंग को बढ़ावा देने और कश्मीर घाटी में हिंसा कराने में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास से भी मदद की जाती रही है। फिलहाल एनआईए हुर्रियत के नेताओं से पूछताछ कर सकती है।

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