New Parliament Inauguration:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को नई संसद को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। सुबह साढ़े सात बजे से ही नए संसद भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम शुरू हो गया था। सर्व धर्म प्रार्थना और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्र सरकार के मंत्री, एनडीए घटक के सांसद व नेता मौजूद रहे। वहीं, विपक्ष ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
राज्यसभा सांसद और उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुख पत्र ‘सामना’ में नई संसद भवन के उद्घाटन और पीएम मोदी को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने सामना में लिखा है कि नए संसद भवन का आज उद्घाटन हो रहा है। यह मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है और संसद पर ऐसे कब्जा हासिल करना लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया जा रहा है।
New Parliament Inauguration:क्या नए संसद भवन की सही में थी आवश्यकता- संजय राउत
संजय राउत ने ‘सामना’ में नए संसद भवन को लेकर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने अपने संपादकीय लेख में लिखा,”लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारे देश में लगातार संघर्ष चल रहा है। दिल्ली में संसद भवन खड़ा हो गया है। उसकी सही में आवश्यकता थी क्या?” राउत ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि विचारों पर बंधन और सत्ता के केंद्रीकरण के ही सहारे तानाशाही पलती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भले ही नया संसद भवन बन गया हो लेकिन पिछले 8 सालों में दोनों सदनों में डर का माहौल है।
उन्होंने सामना में लिखा,”राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा है यह मान्यता और परंपरा के खिलाफ है। राष्ट्रपति इसी देश और संसद के प्रमुख हैं। संसद पर ऐसे कब्जा करना लोकतंत्र के लिए घातक है।”
लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा-संजय राउत
संजय राउत ने सामना की अपनी लेखनी में पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने लिखा,”विरोधियों के बहिष्कार की परवाह किए बगैर पीएम मोदी संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में भाषण देंगे और वहां जुटे लोग तालियां बजाएंगे। लोकतंत्र के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है। संसद के उद्घाटन में राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं, विपक्ष के नेताओं को नहीं। सब कुछ ‘मैं’ मतलब मोदी। यह अहंकार ही है।”
उन्होंने राष्ट्रपति को संसद के उद्घाटन में न बुलाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान बताया है।
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