आखिरकार इतने जद्दोजहद और राजनीतिक पार्टियों में हुए ढेर सारे उतार-चढ़ाव के बाद भारतवासियों को अपना 14वां राष्ट्रपति मिल गया। जैसा कि पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ही देश के अगले राष्ट्रपति होंगे और आखिर हुआ भी वैसा ही। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं। अब 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस आयोजन के लिए 20 मंत्रालय और 10 सिक्योरिटी एजेंसियां काम पर लगी हैं। पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, समेत कई दिग्गज नेताओँ ने रामनाथ कोविंद को नए राष्ट्रपति चुने जाने पर ढेरों बधाईयां दी।
Congratulations to Shri Ram Nath Kovind Ji on being elected the President of India! Best wishes for a fruitful & inspiring tenure.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2017
Congratulations to Shri Ram Nath Kovind ji for the emphatic victory in the 2017 Presidential elections. His victory is truly historic.
— Amit Shah (@AmitShah) July 20, 2017
Congratulations to Ram Nath Kovind Ji, who will be our next President
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 20, 2017
Heartiest congratulations to Shri #RamNathKovind Ji on being elected as 14th President of India. Best wishes for a successful tenure.
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 20, 2017
Perfect President. Name starts with an auspicious "Ram", ends with a nationalistic "Ind", & has a "Kov" somewhere in between. #RamNathKovind
— Virender Sehwag (@VirenderSehweg) July 20, 2017
Congratulations #RamNathKovind ji for a sweeping win in the #PresidentialElections to become the 14th president of India. pic.twitter.com/FTOIIv3rCs
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) July 20, 2017
My hearty congratulation Sir for your historic victory Shri #RamNathKovind ji. The country is proud to have you as our President. @BJP4India pic.twitter.com/Ytei9dMiru
— Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) July 20, 2017
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने भी राष्ट्रपति चुनाव में अपना दमखम दिखाया। जहां रामनाथ कोविंद को 65.65 प्रतिशत (7,02,044 वोट) हासिल हुए वहीं मीरा कुमार 34.35 प्रतिशत (3,67,314 वोट) हासिल करने में सफल रहीं।
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए महीने भर पहले से ही राजनीतिक पार्टियों में काफी चहल-पहल थी। राष्ट्रपति उम्मीदवार किसे चुनना है, क्यों चुनना है, किसलिए चुनना है यह सब सोचकर समझकर पार्टियां अपने-अपने दांव-पेंच चल रही थी। जहां एनडीए ने दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले रामनाथ कोविंद को पहले ही चुनकर विरोधियों की बोलती बंद कर दी थी। वहीं विपक्षियों के लिए रामनाथ कोविंद का विकल्प ढूढ़ने का जद्दोजहद था। इस तरह 17 विपक्षीय दलों ने साफ-सुथरी छवि की माने जाने वाली मीरा कुमार का चेहरा लोगों के सामने रखा।
जानिए अपने महामहिम का इतिहास
रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात जिले के एक छोटे से गांव परौख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। इनके पिता का नाम मैकूलाल और माता का नाम श्रीमती फूलमती था। इनके कुल पांच भाई थे जिसमें ये सबसे छोटे थे। रामनाथ कोविंद का विवाह 30 मई 1974 को सरिता देवी नामक महिला से हुआ था जो टेलीफोन विभाग में काम करती थीं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा कानपुर के ही स्कूलों और कॉलेजों में हुई। इसके बाद कानपुर के डीसी लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई करने के बाद कोविंद दिल्ली पढ़ाई करने चले गए। रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी की और तीसरे प्रयास में ही उनको सफलता भी मिल गई किंतु उन्होंने सिविल सर्विसेज ज्वाइन नहीं किया।
राजनीतिक कैरियर में लहराया परचम
रामनाथ कोविंद अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद जनता पार्टी के नजदीक आए। कोविंद दिल्ली हाईकोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे। साथ ही वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे। उसके बाद वो 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे। रामनाथ कोविंद को भाजपा के तरफ से 1990 में घाटमपुर लोकसभा का टिकट भी दिया गया लेकिन वह चुनाव हार गए। 1993 व 1997 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश में दो बार राज्यसभा भेजा। इसके बाद 2007 में कानपुर देहात की भोगनीपुर लोकसभा से उन्होंने फिर चुनाव लड़ा लेकिन उस समय भी उन्हें सफलता हासिल नहीं मिली। बाद में उनकी किस्मत 2015 में चमकी जब वह बिहार के राज्यपाल घोषित किए गए। रामनाथ कोविंद बीजेपी के दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।