चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार समाज के हित के कामों में जुट गई हैं। इसमें सबसे बड़ा कदम मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाया है। कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब हर किसी को सरकारी इलाज की सुविधा का लाभ मिलेगा साथ ही अब कोई भी अस्पताल मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकेगा। इस नई हेल्थ पॉलिसी में मरीजों के लिए बीमा का प्रावधान किया गया है। पॉलिसी के पास होने के बाद स्वास्थ्य पर खर्चा जीडीपी का 2.5% हो जाएगा और इसके तीन लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।022

आज स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा संसद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इस नई नीति के चलते कुछ मुख्य बातों पर जोर दिया जाएगा।

  • अब मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने में छूट मिलेगी। नई पॉलिसी के मुताबिक निजी अस्पतालों को इलाज करने के लिए तय रकम दी जाएगी, जिससे नए अस्पतालों को बनाने के लिए लगने वाला खर्चा सीधा इलाज के लिए इस्तेमाल होगा।
  • व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जाएंगी जिसमें मातृ और शिशु मृत्यु दर को घटाने में अहम ध्यान दिया जाएगा और देशभर के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और बीमारियों की जांच के सभी साधन पहुंचाए जाएंगे।
  • हेल्थ सेक्टर में भी डिजिटलाइजेशन को बढ़ाया जाएगा। सरकार प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र को भी मजबूत बनाते हुए दायरा बढ़ाया जाएगा।
  • जिला अस्पताल और इससे ऊपर के अस्पतालों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखा जाएगा।
  • नई नीति के तहत पहली बार जहां जिला अस्पतालों के उन्नयन पर विशेष जोर दिया जाएगा, वहीं कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने की रूपरेखा भी तय की जाएगी।
  • अभी तक प्राथमिक हेल्थ सेक्टर के अंदर प्रतिरक्षण , जन्म से पूर्व की जांच और कुछ अन्य जांच ही शामिल थीं लेकिन अब वैसे रोगों की जांच भी होगी जो फैसले से पैदा नहीं होती है।

माना जा रहा है कि पीएम मोदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की हेल्थ केयर स्कीम से काफी प्रभावित हुए है और उसी के चलते नई पॉलिसी में प्रावधान किए गए हैं।

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