उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की एक किताब लॉन्च के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, यहां उन्होंने ‘वंदे मातरम’  गाने पर आपत्ति जताने वालों पर सीधे प्रहार किया। इस दौरान नायडू ने कहा कि हम अगर अपनी मां को सलाम नहीं करेंगे तो क्या अफजल गुरु को सलाम करेंगे।

‘वंदे मातरम’ गाने से इनकार करने वालों पर हैरानी जताते हुए नायडू ने कहा कि  वंदे मातरम का मतलब होता है कि आप अपनी मातृभूमि को सलाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वंदे मातरम का मतलब होता है कि मां तुझे सलाम। इससे क्या समस्या है? अगर मां को सलाम नहीं करेंगे तो किसको करेंगे अफजल गुरु को करेंगे क्या?’

नायडू ने साथ ही कहा कि हिंदुत्व, ‘हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा है’। उन्होंने कहा कि हालांकि, कुछ लोग हिंदुत्व के गलत मायने निकालते हैं और राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर निशाना साध रहे हैं। नायडू ने कहा, ‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि भारत माता की जय केवल एक फोटो पर छपी तस्वीर से ही संबंधित नहीं है। यह इस देश में रह रहे 130 करोड़ लोगों से संबंधित है, चाहे वो किसी भी जाति, धर्म और रंग से ताल्लुक रखते हों। देश में रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं।’

आपको बता दें, कि दिसंबर 2001 में अफजल गुरु को संसद हमले का दोषी करार दिया गया था और उसे बाद में फांसी पर लटका दिया गया था।

वहीं वैंकेया नायडू इस दौरान राम मंदिर पर भी बोले उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। आंदोलन सिर्फ एक स्थल पर ऐतिहासिक व पौराणिक दावे तक सीमित था। नायडू ने कहा कि पूरे देश से आए कारसेवकों ने एक भी मुस्लिम धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।

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