उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के लिए ज्ञानवापी मस्जिद की ओर नया रास्ता खोले जाने के विरोध में मुस्लिमों ने मोर्चा खोल दिया है। सैकड़ों मुस्लिम सड़कों पर उतर आए। और जमकर नारेबाजी की। विरोध के चलते प्रशासन को रास्ता बनाए जाने का काम रोकना पड़ा। मुस्लिमों ने आरोप लगाया कि प्रशासन चोरी-चुपके देर रात काम करवा रहा था। उन लोगों को इसकी जानकारी रात में लगभग साढ़े ग्यारह बजे हुई। जिसके बाद ने सभी एकत्र हुए और विरोध करना शुरू किया।

ज्ञानवापी मंदिर से रास्ता बनाए जाने का विरोध कर रहे मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन ने कहा कि प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंधन कर मनमानी पर उतारू है। इसका विरोध तो होना ही है।

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर स्थाआनीय कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई मुकदमे चल चुके हैं। अयोध्या में बाबरी विध्वंरस के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर समेत पूरे ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा केंद्रीय एजेंसियों के जिम्मेस है। इन दिनों इसी एरिया में वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट् विश्वइनाथ कॉरिडोर का काम तेजी पर है।

विस्तार के लिए खरीदे गए भवनों के ध्वदस्तीडकरण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे के हिस्सेज की तरफ मंदिर का नया प्रवेश द्वार सामने आने से विवाद खड़ा हुआ है। एक तरफ जहां मंदिर प्रशासन का कहना है कि करीब 200 साल बाद सामने आए नए प्रवेश द्वार से आने वाले समय में श्रद्धालुओं को काफी राहत होगी।

मुस्लिमों ने मस्जिद के पास की जा रही तोड़फोड़ को सुप्रीम कोर्ट के 1992 से लेकर 1997 तक में दिए गए फैसलों का खुला उल्लंघन और इससे मस्जिद-मंदिर, दोनों के लिए खतरा बताया है। मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन कहा कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास तोड़फोड़ और निर्माण का फैसले कोर्ट के निर्णय की अवहेलना है। मौलाना बातिन का कहना है कि नया रास्ता खोले जाने से मंदिर और मस्जिद दोनों के अस्तित्व पर खतरा पैदा हुआ है।

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