भारत के गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता राजनाथ सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार और टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि “भाजपा को यूपी में मुस्लिमों को भी टिकट देना चाहिए था”। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमने दूसरे राज्यों में भी अल्पसंख्यकों को टिकट दिया है और उन्होंने बेहतर काम भी किया है, इसलिए मेरा मानना है कि भारतीय जनता पार्टी को यूपी में भी अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को टिकट देना चाहिए था।

हालांकि बाद में राजनाथ सिंह ने अपने पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि हो सकता है, भाजपा संसदीय बोर्ड को यूपी में कोई जिताऊ मुस्लिम उम्मीदवार नहीं मिला होगा, लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि इस पर बात होनी चाहिए थी। यूपी में मुस्लिमों की आबादी लगभग 20% है और दूसरी बड़ी पार्टी बसपा और सपा ने हर बार की तरह मुस्लिम उम्मीदवारों पर खासा ध्यान दिया है। ऐसे में भाजपा का यह तर्क देना कि “उन्हें मुस्लिमों में कोई जिताऊ उम्मीदवार नहीं मिला” उचित नहीं लगता।

अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने बसपा और सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां बांटो और राज करो की नीति अपनाती हैं जो देश के लिए काफी घातक है। हम इसका सख्त विरोध करते हैं। भाजपा धुव्रीकरण की राजनीति नहीं करती, यहीं कारण है कि हम उत्तर प्रदेश में बड़े बहुमत से जीतने जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले राजनाथ सिंह का एक और बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर यूपी में सपा-कांग्रेस का गठबंधन नहीं होता तो हम 300 से ज्यादा सीटें जीतते।

इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि नेताओं को बोलते समय शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मनमोहन सिंह के ऊपर दिए गए बयान का बचाव करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मनमोहन सिंह की तारिफ भी की है, हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मनमोहन सिंह ने विमुद्रीकरण को संगठित लूट बताया था, क्या इस पर हमे गुस्सा नहीं आना चाहिए था। राजनाथ सिंह ने कहा कि कई बार हमारे प्रधानमंत्री को भी विपक्षी पार्टियों ने लूटेरा और अपराधी कहा है।

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