भारत और चीन के रिश्तों में शुरू से ही खटास रहीं है। चीन हमेशा से भारत के महत्वपूर्ण कार्यों में अड़चनें लगाता आया है लेकिन अब शायद भारत और चीन के रिश्तों में मिठास आ सकती है। भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर इन दिनों चीन-भारत स्ट्रैटजिक डायलॉग के लिए बीजिंग के दौरे पर हैं। जयशंकर ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात कर आंतकवाद का मुद्दा उठाया और कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत-चीन को साथ आना पड़ेगा। आपको बता दें कि वांग यी भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को निबटाने के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय झोंगनानहाइ में वांग ने जयशंकर का स्वागत किया और कहा चीन में भारत के राजदूत जयशंकर का योगदान काफी सराहनीय है। भारत और चीन के रिश्तों के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है भारत और चीन के रिश्तें हर पहलूओं में खराब है। तमाम मतभेदों के बाद भी अनेक स्तरों पर दोनों देशों के बीच अच्छा संवाद और संचार रहा है। भारत और चीन के बीच अर्थव्यवस्था, कारोबार, और संस्कृति के आदान-प्रदान में भी अच्छा सहयोग रहा है और अभी भी जारी है।

INDO CHINAभारत चीन के बीच के बड़े मुद्दे:

  1. भारत की एनएसजी में मेंबरशिप।
  2. आतंकी मसूद अजहर पर यूएन में बैन लगाने का मुद्दा।
  3. भारत में आए ताइवान डेलिगेशन पर चीन द्वारा जताई गई आपत्ति भी एक प्रमुख मुद्दा है।
  4. साउथ चाइना समुद्र और दलाई लामा के विरोध का मुद्दा।

वांग ने कहा भारत-चीन दोनों बड़े विकसित देश हैं और दोनों देशों का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। वांग ने स्ट्रैटजिक डायलॉग को कामयाब बताया और कहा बातचीत का उद्देश्य  दोनों देशों के बीच तनाव कम कर स्ट्रैटजिक ऑप्रेशन को मजबूत करना है। इससे हमारे संबंध मजबूत होंगे और क्षेत्र में स्थिरता आएगी। भारतीय विदेश सचिव जयशंकर ने कहा कि यह पहली बार है जब दोनों देशों के बीच रीस्ट्रक्चर्ड स्ट्रैटजिक डायलॉग हुआ है। दोनों देश जी-20, शंघाई को-ऑप्रेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO), ब्रिक्स, ईस्ट एशिया समिट के मेंबर्स हैं लिहाजा दोनों देशों के मुद्दे भी एक जैसे ही हैं।

चीन में भारत के पूर्व एंबेसडर रह चुके एस. जयशंकर ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से बातचीत के दौरान चीन और पाकिस्तान के इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने की परोक्ष और आतंकी मसूद अजहर के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह संप्रभुता का सवाल है जिनका जल्दी समाधान करना बहुत जरूरी है।

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