उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना लोहा मनवा चुकी बीजेपी के हौसले बुलंद है तो वहीं यूपी में राज करती आई समाजवादी पार्टी में अब भी अंतर्कलह बना हुआ है।

Akhilesh Tadavइतनी बड़ी हार के बाद सपा के समर्थक और खुद नेता जी मुलायम यादव इस हार का जिम्मेदार कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन को मानते रहे हैं। उन्होंने कहा कि “अगर ये गठबंधन नहीं हुआ होता तो प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ समाजवादी पार्टी की सरकार बनती। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को कोई पसंद नहीं करता।” ये बात नेता जी ने सार्वजनिक तौर पर भी स्वीकार की है। लेकिन अब मुलायम के सुर बदल रहे हैं। होली मनाने सैफई पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश का समर्थन करते हुए कहा कि “पार्टी की हार या जीत की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति की नहीं होती, हम प्रदेश की जनता को प्रभावित करने में असफल रहे हैं,  हार की कोई वजह नहीं होती, हम पहले भी हारे हैं लेकिन फिर एक बड़ी जीत के साथ वापसी की है। अगली बार भी वापसी करेंगे।” वहीं पूरे मामले के बाद चाचा शिवपाल ने भी ट्वीट कर कहा कि “हम फिर लड़कर जीतेंगे।”

बता दें कि इस हार की बड़ी वजह, समाजवादी पार्टी के भीतर मचा अंतर्कलह को भी माना जा रहा है। जिसे यादव परिवार स्वीकार करने से कतरा रहा है और हार का जिम्मा गठबंधन पर डाल रहा है। वैसे इस हार के बाद अकेले बड़े अखिलेश को पिता मुलायम की तरफ से मिला ये समर्थन इस बात की तरफ इशारा करता है कि भले ही उन्होंने सब कुछ गंवा कर चुनाव लड़ा हो लेकिन नेता जी अब भी उनके साथ हैं।

बहरहाल, इस हार के बाद पार्टी समर्थकों में काफी निराशा है, और उनकी मांग है कि पार्टी की कमान अब मुलायम को सौंपी जाये। वैसे अखिलेश पिता और चाचा की बात न मान कर पछता रहे होंगे और उन पर ये कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है कि “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”

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