बजट सत्र के दूसरे चरण में मंगलवार को लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह “शत्रु संपत्ति संशोधन बिल” को पेश करेंगे। इसको लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी करते हुए सदन में मौजूद रहने के आदेश दिये हैं। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है जिस तरह ये बिल राज्यसभा में पास हुआ है उसी तरह से लोकसभा में भी सभी की सहमति से पास हो जाएगा। पहली बार शत्रु संपत्ति अध्यादेश को 07 जनवरी 2016 को लागू किया गया था।

शुक्रवार को 50 साल पुराने शत्रु संपत्ति संशोधन बिल को राज्यसभा से पास कर दिया गया था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने यह बिल राज्यसभा में धोखे से पास कराया है। विपक्ष की मांग थी कि इस विधेयक पर आज चर्चा नहीं की जाए बल्कि अगले सप्ताह इस पर व्यापक चर्चा की जाए जब सदन में ज्यादातर सदस्य मौजूद हों ।

क्या है शत्रु संपत्ति संशोधन बिल?

इस बिल के मुताबिक युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन पलायन कर गए लोगों की छोड़ी गई संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावों को रोकने के प्रावधान किए गए हैं। इसके मुताबिक पलायन करके वहां की नागरिकता लेने वाले लोगों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।

यहां तक की अगर भारत में उनका कोई उत्तराधिकारी भी रह रहा होगा तो उनकी छूटी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहेगा। माना जा रहा है कि संशोधन से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग प्रभावित होंगे। संसद से पारित होने के बाद यह बिल इस संबंध में सरकार की तरफ से जारी किए गए ऑर्डिनेंस का स्थान लेगा।

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