नजारा है मुगलसराय जंक्शन है, ये वही जंक्शन है जिसका नाम अब चंद दिनों का मेहमान है और आने वाले दिनों में आप इस जंक्शन को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जानेंगे और पहचानेंगे। मुगलों की प्रमुख निशानी उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जंक्शन 5 अगस्त से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कहलाएगा। स्टेशन का नाम बदलने की मंजूरी मिलने के बाद अब तक नाम से पर्दा नहीं हटाया गया था। अब 5 अगस्त को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह स्टेशन के नए नाम से पर्दा हटाने मुगलसराय पहुंच रहे हैं।

हालांकि नाम बदलने के साथ-साथ अब यूपी के मुगलसराय स्टेशन का रंग भी बदल गया है।    अब मुगलसराय स्टेशन को भी भगवा रंग दिया गया है। मुगलसराय जंक्शन की मेन बिल्डिंग पर भगवा रंग का बॉर्डर बनाया जा रहा है।

बीजेपी के आदर्श रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय 1968 में मुगलसराय जंक्शन पर ही संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। तभी से बीजेपी और आरएसएस मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किए जाने की मांग कर रहे थे। लेकिन केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार होने की वजह से ये मांग पूरी नहीं हो पा रही थी। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद एक बार फिर कोशिश तेज हुई थी। लेकिन सूबे में अखिलेश सरकार होने की वजह से बात नहीं बन पाई।

2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद नाम बदलने की कवायद फिर तेज हुई और आखिर में बीजेपी और संघ की दशकों पुरानी मांग पर मुहर लग गई। इससे पहले केंद्र और राज्य सरकारें कई बड़ी योजनाओं को दीन दयाल उपाध्याय के नाम से घोषित कर चुकी है या चला रही है। दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना केंद्र की ओर से घोषित कई योजनाओं में से कुछ बड़ी योजनाएं हैं।

                                                                                                                        एपीएन ब्यूरो

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