Mughal Garden में पहुंचकर करें Tulip, English Rose और खूबसूरत फूलों का दीदार

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Mughal Garden
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Mughal Garden: राजधानी की शान और हर खास और आम के बीच मशहूर मुगल गार्डन आम जनता के लिए खुल गया है। राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के अनुसार वार्षिक राष्ट्रपति भवन उद्यानोत्सव- मुगल गार्डन 5 फरवरी से 8 मार्च (सोमवार को छोड़कर) तक जनता के लिए खुला रहेगा। कोरोना के चलते पिछले 2 वर्षों से मुगल गार्डन देखने आने वालों को दिक्‍कत हो रही थी। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते यहां भी अहम कोविड प्रोटोकोल लागू किए गए हैं। जिनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। पुरानी मुगलिया शैली में निर्मित इस गार्डन में ट्यूलिप, गुलाब, समेत विभिन्न फूलों की कई प्रजातियां मौजूद हैं। पर्यटकों (Tourists) के लिए मुगल गार्डन (Mughal Garden) वर्षभर में केवल एक बार 15 दिनों के लिए ही खोला जाता है।

Mughal Garden
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मुगल गार्डन में करें प्रवेश नि:शुल्‍क

राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के मुगल गार्डन (Mughal Garden) में आपको प्रवेश नि:शुल्‍क मिलेगा यानी यहां पर Entry Free है। इसके लिए किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क (Entrance Fees) देने की जरूरत नहीं। कोविड-19 नियमों को ध्‍यान में रखते हुए यहां आने से पूर्व आपको अपना ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) करवाना होगा। जोकि सभी के लिए अनिवार्य है।

Mughal Garden: रायसीना की पहाड़ी काटकर बना डाला भव्‍य उद्यान

ब्रिटिश काल के दौरान 1911 में जब राजधानी कोलकाता से दिल्‍ली स्‍थानांतरित की गई। इसी दौरान यहां बने वायसराय हाउस जिसे आज हम स‍ब राष्ट्रपति भवन के नाम से जानते हैं । इसके डिजाइन में कुछ फेरबदल करवाया गया। इसके लिए खासतौर से दिल्‍ली के निर्माता और प्रसिद्ध वास्‍तुकार सर ए‍डविन लुटियंस को भारत बुलाया गया। वास्‍तुकार की बेजोड़ स्‍थापत्‍य कला और मुगलिया शैली के अंदाज से रायसीना की पहाड़ी को काटकर राष्ट्रपति भवन के साथ ही मुगल गार्डन का निर्माण किया गया। वर्ष 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया और वर्ष 1928 में ये बनकर तैयार हुआ

Mughal Garden: गार्डन खोलने का श्रेय प्रथम राष्ट्रपति को मिला

मुगल गार्डन एकमात्र ऐसा गार्डन है जहां भारतीय और मुगलिया संस्‍कृति की झलक साफ देखी जा सकती है। इतना ही नहीं दुनिया के कोने कोने से से लाकर रोपे गए फूलों की सुगंध और औषधिय प्रकृति सभी को मनमोह लेती है। मुगल गार्डन आम जनता के लिए खुलवाने का श्रेय देश के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद को जाता है। जिन्‍होंने आम जनता को भी यहां की अनुपम छटा से रूबरू करवाया। तब से लेकर आज हर पर्ष बसंत ऋतु में गार्डन आम लोगों के दीदार के लिए खोल दिया जाता है।

चार भागों में बंटा है बाग

मुगल गार्डन का वास्‍तुशिल्‍प देसी और मुगलिया शैली का अनूठा मिश्रण है। यहां मुगल नालियां, चबूतरों, फूलों से लदी लताएं यूरोपियन क्‍यारियों एवं लॉन के साथ बड़े ही सुंदर ढंग से बनाई गई हैं। यहां जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के गार्डन तथा भारत और फारस की लघु पेंटिंग्‍स का प्रभाव भी खास है। चार भागों में बंटे इस गार्डन में चतुर्भुजाकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान। यहां लगी घास के निर्माण के दौरान मूल रूप से कोलकाता से लाई गई थी।

Mughal Garden: कब और कैसे पहुंचे

मुगल गार्डन में सोमवार को छोड़ आप किसी भी दिन घूमने के लिए आ सकते हैं। मंगलवार से रविवार यहां उद्यान खुलने का समय सुबह 10 से 5 बजे तक है। यहां प्रवेश से पूर्व आपको अपने साथ अपनी आईडी मसलन आधार कार्ड, पैन कार्ड, लाइसेंस, वोटर कार्ड, स्‍कूल और कॉलेज का कार्ड होना अनिवार्य है। यहां आने से पूर्व ऑनलाइन पंजीकरण (www.rashtrapatisachivalaya.gov.in) पर जाकर कर सकते हैं। यहां का निकटतम मेट्रो स्‍टेशन केंद्रीय सचिवालय और पटेल चौक है।

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