पीएम मोदी ने कजाकिस्तान के अस्ताना में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक  को सम्बोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद मानव अधिकारों और मानव मूल्‍यों के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इससे लड़ने के लिए विश्व समुदाय को समन्वयित प्रयास करना होगा।

एससीओ का स्थायी सदस्य बनने के बाद अपने पहले सम्बोधन में मोदी ने सबसे पहले सभी सदस्य देशों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा “12 साल तक पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने के  बाद भारत को एससीओ की सदस्‍यता मिल रही है। इसको लेकर समर्थन करने वाले सभी देशों का वह शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। एससीओ जैसा संगठन एशिया में आपसी सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है। विश्व की जनसँख्या का 40 फीसदी और विश्व की जीडीपी का 20 फीसदी हिस्सा एससीओ के सदस्यों के ही पास है। मध्य एशिया में एससीओ एक मजबूत कड़ी है और एससीओ सदस्यों के बीच कनेक्टिविटी परियोजनाओं में सहयोग भारत के लिए प्राथमिकता है पर इससे  देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित नहीं होनी चाहिए।” गौरतलब है कि संप्रुभता का ही मुद्दा उठाकर भारत ने पिछले दिनों OBOR सम्मलेन का बहिष्कार किया था।

इसके बाद पीएम ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और आतंकवाद के खात्में के लिए सभी सदस्य देशों को एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि एससीओ के इस मंच से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नई ताकत मिलेगी। पाकिस्तान को घेरते हुए उन्होंने कहा कि कि आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी एससीओ के सभी देशों को साथ देना होगा। पर्यावरण के सम्बन्ध में मोदी का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते से हटने की घोषणा की थी।

मोदी के तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सम्मलेन को सम्बोधित किया। जहां एक तरफ मोदी अपने सम्बोधन में पाकिस्तान का नाम लेने से सीधे सीधे बचते नजर आएं वहीं शरीफ ने भारत का नाम दो बार लिया। उन्होंने कहा कि “यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए अच्छा दिन है। मैं एससीओ के सदस्यों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने हमें सदस्य बनाया। मैं भारत को भी बधाई देना चाहूंगा कि वह भी एससीओ का सदस्य बना है।”

मोदी की बात का जवाब देते हुए शरीफ ने कहा- “पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद से जूझ रहा है। पिछले कुछ समय में हम आतंकवाद को काफी हद तक काबू करने में कामयाब रहे हैं। एससीओ के जरिये टेररिज्म और हथियारों की खरीद परोख्त कम करने में मदद मिलेगी।” शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया को बदलने में योगदान देना चाहता है।

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