मोदी सरकार अब एक ऐसी योजना लाने की सोच रही है जिससे देश के रक्षा क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी और देश में लाखों के तादाद में रोजगार भी उत्पन्न होंगे। जी हां, केंद्र की मोदी सरकार अनुशासन और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 लाख युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है। भारतीय जनसांख्यिकी का फायदा उठाने के लिए नेशनल यूथ एमपावरमेंट स्कीम यानी N-YES के तहत इन युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की योजना पर विचार चल रहा है। खबरों के मुताबिक, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में भर्ती के लिए एन-यस के तहत प्रशिक्षण हासिल करने को अनिवार्य शर्त के तौर पर भी जोड़ा जा सकता है।

सरकार की मंशा है कि 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 10 लाख किशोरों और किशोरियों को हर साल यह प्रशिक्षण दिया जाए। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि भविष्य में सेना, पुलिस या पारामिलिट्री फोर्स में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। नेशनल यूथ इम्पावरमेंट स्कीम यानी N-YES के तहत 12 महीने का प्रशिक्षण लेने वाले इन नौजवानों को सरकार निर्धारित स्टाईपेंड देने पर भी विचार कर रही है। एक अंग्रेजी समाचार अखबार के मुताबिक, पीएमओ ने इस प्रस्तावित योजना पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई थी। इसमें डिफेंस मिनिस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ यूथ अफेयर्स और मानव संसाधन मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

इस बैठक के दौरान योजना के संबंध में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण (प्रजेंटेशन) भी दिया है। इसमें बताया गया कि एन-यस के तहत युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण के अलावा व्यावसायिक, सूचना-तकनीक, आपदा प्रबंधन सहित योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन पर आधारित मूल्यों की शिक्षा भी दी जाएगी। पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम साल भर की अवधि का हो सकता है।

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