उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज प्रेस कॉंफ्रेंस कर उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर खुलकर टिप्पणी की। मायावती ने साफ किया है कि वो किसी की बुआ नहीं है। उन्होंने कहा है कि लोग राजनीतिक फायदा लेने के लिए मुझसे रिश्ता जोड़ना चाहते हैं और मुझे बुआ कहते हैं। नए घर में प्रवेश के बाद मायावती ने किसी नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के लिए अपना नाम मुझसे जोड़ते हुए मुझे बुआ कहते हैं।

इसके साथ ही मायावती ने भीम आर्मी से अपने रिश्ते पर बोलते हुए कहा कि ऐसा ही सहारनपुर जातीय हिंसा मामले में आरोपी चंद्रशेखर आजाद ने भी किया, मेरा उनसे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा बस गरीबों से रिश्ता है।  यह बीजेपी का गेम प्लान है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने बयानों में बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कहते रहे हैं।

सपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आगामी चुनावों में पार्टी बीजेपी को रोकने का पूरा प्रयास करेगी। वहीं महागठबंधन पर उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियों से गठबंधन तभी होगा जब हमें सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।

मायावती ने कहा कि 2 अप्रैल को एससी/एसटी एक्ट को लेकर हुए बंद में शामिल लोगों पर अभी भी अत्याचार जारी है। उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। जो एक सरकारी आतंक है। बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि इससे देश कलंकित हुआ है।

भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीजेपी राफेल लड़ाकू विमान सौंदे पर संतोषजनक जवाब अब तक नहीं दे पाई है। वहीं महंगाई और बेराजगारी पर लगाम लगाने में विफल रही।

यहीं नहीं मायावती ने पीएम और बीजेपी पर नोटबंदी को लेकर भी कटाक्ष किया है उन्होंने इसे राष्ट्रीय त्रासदी बताते हुए कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि नोटबंदी फेल रही। साथ ही पेट्रोल-डीजल के दामों ने आम लोगों की कमर तोड़ दी। वहीं जीएसटी की वजह से अभी भी व्यापारियों में अफरातफरी बनी हुई है।

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