उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के  राष्ट्रीय अखिलेश यादव फिर से अपना वर्चस्व कायम करने की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन समाजवादी पार्टी के लिए लाभदायी साबित नहीं हुआ। इसलिए अखिलेश यादव अब नए पैतरे आजमा रहे हैं। सोमवार को अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।

अखिलेश यादव ममता बनर्जी से मिलने के लिए लखनऊ से दिल्ली आए। इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात का अहम कारण पार्टियों के बीच गठबंधन है जिसकी अखिलेश यादव ने पहल की है। यूपी में करारी हार के बाद बीजेपी का वर्चस्व लगातार देखने को मिल रहा है जिससे यह कहना लाजमी है कि यह वर्चस्व समाजवादी पार्टी के अंदर मंथन का काम कर रहा है। न केवल समाजवादी पार्टी बल्कि अन्य पार्टियों में भी बीजेपी का बोलबाला बढ़ने से हड़कंप मच गया है, जिसके कारण यह पार्टियां एकजुट होकर सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव की ममता बनर्जी से मुलाकाल के दौरान राष्ट्रपति चुनाव से लेकर भविष्य के गठबंधन तक चर्चा हुई है।

बीजेपी द्वारा नोटबंदी करने के बाद ममता बनर्जी ने लखनऊ में इसके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में अखिलेश यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उन्हें पूरा समर्थन भी दिया था। इस प्रदर्शन में सपा के कई नेताओं ने भी हिस्सा लिया था। तब ममता बनर्जी ने खुलकर अखिलेश यादव की तारीफ भी की थी। ऐसे में अब इन दोनों नेताओं की मुलाकात को मजबूत राजनीतिक रिश्तेदारी के दौर पर देखा जा रहा है। ममता के अलावा सपा और बसपा के बीच गठबंधन की खबर भी सामने आ रही है।

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