नक्सलियों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पूंजीवादी व्यवस्था का विरोध करने वाले नक्सली अपनी बात मनवाने के लिए अब इंसानियत को भी शर्मशार कर रहे हैं। बिहार के जमुई जिले में सशस्‍त्र सीमा बल के जवान की हत्‍या के मामले में माओवादियों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। नक्सलियों ने एसएसबी के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी। जवान अपने मूल गांव पंदेठीका में छुट्टी पर आया था। घटना सोमवार की है। माओवादियों ने पहले जवान को उनके निवास से घसीटते हुए निकाला और फिर उनकी हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक जवान का नाम सिकंदर यादव था और वह सशस्त्र सीमा बल के 48वें बटालियन के जवान थे। मामले की जानकारी देते हुए मंगलवार को एसएचओ सुनील कुमार ने बताया कि सिकंदर अपने परिवार के साथ अपनी बेटी का चौथा जन्मदिन मना रहे थे। उसी वक्त उन्हें मारा गया।

जवान  15 सितंबर को घर आए थे। घटना उस वक्त हुई जब वह बेटी खुशी के जन्मदिन की तैयारी में जुटे थे। लगभग दो दर्जन सशस्त्र नक्सलियों ने गांव की घेराबंदी कर रखी थी। वर्दीधारी दो नक्सलियों ने घर में आकर उन्हें आवाज लगाई। परिवार वाले पुलिस समझकर उन्हें इसकी सूचना दी। सिकंदर ज्यों ही बाहर निकले नक्सलियों ने हथियार के बल पर उनके हाथ बांध दिए और घर से कुछ दूर ले जाकर एके-47 से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

घटना के बाद से गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। परिजन व ग्रामीण इस बात को लेकर आक्रोशित थे कि समय पर सूचना देने के बावजूद पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के बजाय दो घंटे बाद पहुंची। ग्रामीणों का कहना था कि अगर पुलिस बल वक्त पर पहुंच जाते तो ¨सिंकदर की जान बच सकती थी।

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