नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सख्त बयानबाजी करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रूख में अचानक से बदलाव आया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें मोदी से कोई शिकायत नहीं है।  हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लेकर दीदी के तेवर अभी भी सख्त हैं। उन्होंने कहा अमित शाह देश में तानाशाही का माहौल तैयार कर रहे हैं, जो की उचित नहीं है।

एक इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मैं नरेंद्र मोदी के पक्ष में हूं, लेकिन अमित शाह के नहीं। मैं मोदी को दोष नहीं देती। मुझे उन्हें क्यों दोष देना चाहिए? उनकी पार्टी को इसका ध्यान रखना चाहिए कि क्यों वे लोग देश के लिए समस्या खड़ा कर रहे हैं। देश में सुप्रीम तानाशाही का माहौल है जहां एक पार्टी अध्यक्ष सरकारी मामलों में दखल दे रहा हैं।

शाह को घेरते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि एक पार्टी का अध्यक्ष मंत्रियों की बैठक में कैसे हिस्सा ले सकता है? उन्होंने कहा ‘वे केंद्रीय मंत्रियों की बैठक बुलाते हैं और सभी मंत्री उनसे डरते हैं। आखिर पीएम कौन है, मोदी या शाह?’

ममता ने कहा कि विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ गई हैं और 2019 में आप केंद्र में बदलाव देखेंगे। हालांकि ममता ने कहा कि ‘अभी तक कोई भी मोर्चा नहीं बनाया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने एक मंच पर आने का काम शुरू कर दिया है। छह महीने तक प्रतीक्षा करें, चीजें और स्पष्ट हो जाएंगी’।

बिहार सीएम नीतीश कुमार के गठबंधन का साथ छोड़ने के सवाल पर ममता ने कहा कि आप एक नीतीश कुमार के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन मैं 100 शरद यादव, 100 लालू प्रसाद, 100 अखिलेश यादव के बारे में सोच रही हूं।

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी को डराया जा रहा है।  अगर कोई कुछ कहता है तो वे ईडी, सीबीआई या आईटी को उसके घर भेज देते है। सभी इससे डरे हुए हैं।

ममता बनर्जी ने इस इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयपेयी का भी जिक्र किया। वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए ममता ने कहा कि ‘वह भी बीजेपी के ही हैं, लेकिन वह प्रधानमंत्री के रूप में बहुत ही संतुलित और निष्पक्ष थे। हमने उनके नेतृत्व में काम किया और कभी किसी समस्या का सामना नहीं किया।’

ममता बनर्जी के इस स्टैंड को भाजपा जहां मोदी की नीतियों की स्वीकार्यता के रूप में ले रही है, वहीं विपक्ष के लिए यह चौंकाने वाला कदम है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ममता मोदी के नेतृत्व को धीरे-धीरे स्वीकार करने लगी हैं। देर सबेर वह अमित शाह को भी स्वीकार करने लगे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

आपको बता दें कि ममता ने ‘राइजिंग बंगाल 2017’ कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here