पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में छाई हैं। कारण नारदा घोटाला है। इस मामले में सीबीआई ने टीएमसी के कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों को गिरफ्तार किया है वहीं अभी छापेमारी चल रही है। इस स्कैम में टीएमसी के कैबिनेट मंत्री से लेकर मेयर तक शामिल हैं।

इन नेताओं में सीनियर मंत्री फिरहाद हाकीम के अलावा सुब्रत मुखर्जी भी शामिल हैं। इसके अलावा विधायक मदन मित्रा को भी सीबीआई पूछताछ के लिए अपने दफ्तर लाई है। पूर्व मेयर सोवन चटर्जी भी इन लोगों में शामिल हैं। पूरे मामले पर कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकीम का कहना है कि, सीबीआई ने नारदा घोटाले के केस में हिरासत में ले लिया है। उम्मीद करता हूं कि, इंसाफ जरुर मिलेगा। फिरहाद हाकिम ने कहा था, ‘मैं न्यायापालिका पर विश्वास करता हूं। मुझे भरोसा है कि क्लीन चिट मिलेगी। यह अच्छी बात है कि यह मामला अदालत में जाए। मैं वहां अपना पक्ष रखूंगा और अदालत की ओर से न्याय किया जाएगा।’ 

कैबिनेट मंत्रियों को गिरफ्तार होते देख ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं। उन्होंने वहां जमकर हंगामा किया। ममता ने कहा कि, मुझे भी गिरफ्तार करो। वहीं सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं। खबर है कि, टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर पर पत्थरबाजी की है जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा है।

सीबीआई ने मीडिया से बात करते वक्त फिरहाद के दावों झूठा करार दिया है। एजेंसी ने कहा कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है बल्कि पूछताछ की गई है। इससे पहले राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने एजेंसी को फिरहाद हाकिम समेत सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ केस दर्ज किए जाने को मंजूरी दी थी।

बता दें कि, बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुए थे। इन स्टिंग्स में टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपये लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। स्टिंग्स सामने आने के बाद राज्य में खूब बवाल मचा। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। तभी स्टिंग में ही फिरहाद हाशमी सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी का नाम सामने आया था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इसे राजनीतिक साजिश करार देती रही हैं। उनका आरोप है कि इस स्टिंग वीडियो को भाजपा के दफ्तर से जारी किया गया था।

सीबीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गवर्नर जगदीप धनखड़ से ममता सरकार के 5 मंत्रियों के खिलाफ एंटी करप्शन ऐक्ट की धारा सेक्शन के तहत चार्जशीट दायर करने की मांग की गई थी। अंत में जगदीप धनखड़ की ओर से इसकी अनुमति दे दी गई है

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