देश कोरोना जैसी भयंकर महामारी की चपेट में है। हर दिन भारत में 4 हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा इस कदर बढ़ा है कि, लाशें नदियों और गंगा किनारे दिख रही हैं। सरकार कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। कोरोना के खिलाफ अब वैक्सीन, लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के बाद 2-DG को मैंदान में उतारा गया है। 2-DG भारतीय वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई वो दवा है जो कोरोना से जंग में गेमचेंजर साबित हो सकती है और बहुरुपिये वायरस का गेम खल्लास कर सकती है। सोमवार को दवा की 10 हजार खुराक की पहली खेप लॉन्च की जाएगी, जिसके बाद इसे कोविड मरीजों को दिया जाने लगेगा।

2-DG को लेकर DRDO के अधिकारियों ने दावा किया है कि, ये कोरोना संक्रमण को जल्द खत्म करती है साथ ही पूरी तरह सुरक्षित भी है। सबसे अहम बात यह है कि, ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी काफी कम कर देती है। दवा निर्माता भविष्य में उपयोग के लिए दवा के उत्पादन में तेजी लाने पर काम कर रहे हैं। दवा डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम ने बनाई है।

बता दें कि, इस दवा ने फेस 2 और फेस 3 के क्लिनिकल ट्रायल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मई से अक्टूबर के बीच हुए ट्रायल में दवा ने कोविड मरीजों पर काम किया और ये सुरक्षित भी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि ये दवा एक तरह का सूडो ग्लूकोज मोलेकल है, जो कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकता है. ये दवा दुनिया की उन चंद दवाओं में शुमार हो गई है, जो खास तौर पर कोविड को रोकने के लिए बनाई गई हैं।

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 8 मई को डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड रोधी दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना वायरस के मध्यम से गंभीर लक्षण मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति सहायक पद्धति के रूप में दी गई है। 2-DG दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है।

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