भारत में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रहा है। 8 अप्रैल को देश में 1.26 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं 684 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है। इससे बचने के लिए लोग वैक्सीन की तरफ भाग रहे हैं। बढ़ते कोरोना संकट के बीच वैक्सीन की कमी हो गई है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से वैक्सीन की कमी की बात कही है। राज्यों को फटकार लगाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मनोहर अगनानी ने पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को खत लिखा है। बता दें कि, इन सभी राज्यों में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। इन राज्यों ने वैक्सीन की कमी की बता की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मनोहर अगनानी ने पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखी है, खत के जरिए वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर सवाल उठाए हैं।

महाराष्ट्र को लिखी चिट्ठी में मनोहर अगनानी ने कहा है कि महाराष्ट्र को अबतक 1,06,19,190 वैक्सीन की डोज़ दी गई हैं, लेकिन अभी तक 90,53,523 का इस्तेमाल हुआ है जिसमें वेस्टेज भी शामिल है। महाराष्ट्र में पहली डोज़ 85.95 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को लगी है, जबकि दूसरी डोज सिर्फ 41 फीसदी को लगी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 51 फीसदी से अधिक है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र जैसे राज्यों को वैक्सीन की रफ्तार में सुधार लाने को कहा है। साथ ही, ये राज्य फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन मुहैया कराने में काफी पीछे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राज्यों को अपने यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना होगा, हेल्थवर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन देने की सख्त जरूरत है क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ये लड़ाई में सबसे आगे हैं।

महाराष्ट्र की तरह ही दिल्ली को लेकर कहा गया है कि अभी तक 23,70,710 डोज़ दी गई हैं, जिनमें से 18,70,662 का इस्तेमाल हुआ है और इनमें वेस्टेज भी शामिल है.

दिल्ली हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली और दूसरी डोज़ देने के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है.

अगर पंजाब की बात करें तो यहां अभी तक 22,36,770 भेजी गई हैं, जबकि सिर्फ 14,94,663 का इस्तेमाल हुआ है.

बता दें कि, ये खत तब लिखा गया जब, राज्य कोरोना वैक्सीन की कम सप्लाई पर केंद्र सरकार को दोषी ठहराने में जुटे हुए हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे राज्य केंद्र सरकार पर वैक्सीन के कम स्टॉक को लेकर हमलावर हैं।

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