देश में कोरोना का कहर बढ़ रहा है जनता परेशान है। इस कहर से बचने के लिए लोग अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। आंख मूंदकर मरीज डॉक्टरों पर भरोसा कर रहे हैं। दुख की बात तो यह है कि, इस भयंकर महामारी में जहां लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे हैं वहीं देश में कुछ अस्पताल पैसा बनाने में लगे हैं। अस्पताल मरीजों से अलग-अलग चार्ज वसूल रहा है। कुछ इसी तरह का मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। राजधानी भोपाल में मरीज के परिजनों से अस्पताल प्रबंधन ने 18 लाख अधिक पैसे वसूले थे।

पीड़ित परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद बुधवार को राजधानी भोपाल के 8 अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन ने बिल के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने की संबंधित क्षेत्रों के SDM से शिकायत की तो प्रशासन की चार टीमें अस्पताल पहुंच गईं। जांच में पता चला कि ये अस्पताल अनाप-शनाप पैसा ले रहे हैं।

प्रशासन की सख्ती के बाद इन अस्पतालों ने 10 मरीजों के परिजनों को 18 लाख रुपए लौटाए। प्रशासन अब इन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा है कि अस्पताल अपने परिसर में इलाज की रेट लिस्ट लगाएं। जितना इलाज करें, उतना ही बिल लें, नहीं तो उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे।

वहीं मध्य प्रदेश सरकार भी अब सख्त हो गई है। सरकार ने कहा कि, मरीजों की लाशों पर पैसा कमाने वाले अस्पताल के खिलाफ लोगों को एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सभी थाना पुलिस से कहा कि अस्पतालों या एंबुलेंस की वसूली से पीड़ित परिवार थानों में आएं तो रिपोर्ट दर्ज करें। ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर, दवाएं, कंसंट्रेटर, एंबुलेंस की कोई भी ब्लैक मार्केटिंग करता पाया जाएगा तो उस पर रासुका की कार्रवाई होगी।

सरकार ने अस्पतालों पर नजर रखने के लिए तीन IAS अधिकारियों की एक कमेटी बना दी। इसमें प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रतीक हजेला, सचिव संजय गोयल शामिल हैं। कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि सार्थक पोर्टल पर जिस अस्पताल का जो इलाज पैकेज दिखाया जा रहा है, उसी हिसाब से शुल्क लिया जाए।

बता दें कि, देश में कोरोना की दूसरी लहर तबाही मचा रही है। हर तरफ लोग ऑक्सीजन और बेड के लिए परेशान हैं। वहीं वैक्सीन से लेकर ऑक्सीजन तक सब कुछ महंगा हो गया है। इस समय अस्पताल मोटी कमाई कर रहा है। वहीं देश में 24 घंटे के भीतर 4 लाख से अधिक कोरोना के नए केस सामने आए हैं साथ ही 3962 लोगों की मौत हो गई है।

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