कोरोना वायरस की तीसरी लहर सितंबर – नवंबर तक देश में दस्तक दे सकती है। सरकार इससे निपटने के लिए तैयारी कर रही है। पीएम मोदी भी तीसरी लहर को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। कोरोना से जंग के बीच पीएम मोदी छह राज्य के मुख्यमंत्रियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे। बीते कुछ दिनों में- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में कोरोना के मामलों मे बढ़ोतरी देखी गई है। इससे पहले पीएम नॉर्थ-ईस्ट के मंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं।

नॉर्थ-ईस्ट के मंत्रियों के साथ वार्ता करते हुए पीएम मोदी ने हिल स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए चिंता जाहिर की थी। पीएम ने कहा था कि यह काफी खतरनाक है। लोग एक जगह इकट्ठा होकर खड़े हैं। जिसमें छोटे कंटेनमेंट जोन पर अधिक जोर देने का आह्वान किया गया था।

मंत्रियों संग बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि हमे छोटे स्तर पर ही कोरोना को काबू करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराना चाहिए।

प्रधान मंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि अधिकारियों को विभिन्न कोविड -19 वेरिएंट्स पर नजर रखने की जरूरत है, जिन भी वेरिएंट्स पर वर्तमान में विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है, उन पर नजर रखे जाना जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमें कोरोना के हर एक वेरिएंट पर नजर रखने की जरूरत है। ऐसी गतिशील स्थिति में समय पर रोकथाम और उपचार बहुत महत्वपूर्ण है।”

शुक्रवार को छह राज्य के मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में पीएम मोदी कोरोना से बिगड़े हालात पर चर्चा करेंगे। छह राज्यों-तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र में टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा करने की उम्मीद है। 

बता दे कि देश भर के कुल 55 जिलों ने 13 जुलाई को सप्ताह के आखिर में कोविड -19 परीक्षण-सकारात्मकता दर में 10% से अधिक की सूचना दी। इन छह राज्यों में से, ओडिशा और तमिलनाडु वे राज्य हैं जो मुख्य रूप से टीकों की कमी की शिकायत कर रहे हैं।

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