लोकसभा और राज्यसभा में अब अगर बार-बार समझाने के बाद भी सांसद कामकाज में बाधा उत्पन्न करेंगे और वेल में आकर प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें सीधा सदन की कार्यवाही से निलंबित करने का पर विचार किया जा रहा है। इस विषय पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को नियम समिति के सदस्यों की बैठक हुई। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन के वेल में आने वाले सांसदों को निलंबित करने का फैसला लिया है। इसके अलावा जो सांसद अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध दर्ज कराएंगे उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विपक्षी दलों के कई सांसद और समिति के सदस्य इस बैठक में मौजूद नहीं थे। यह चर्चा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई। लोकसभा के भीतर सांसदों द्वारा तख्तियां लाने और हंगामा करने से नाराज महाजन ने इस समिति की बैठक बुलाई थी। बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि लोकसभा के कामकाज संबंधी उस नियमों में संशोधन किया जाए जो सदस्यों के निलंबन से जुड़ा है।

इस बार शीतकालीन सत्र में भी विपक्ष के द्वारा राफेल विमान समझौते पर और सत्ता पक्ष के द्वारा राहुल गांधी से कथित गलतबयानी के लिए माफी मांगने की बात पर हंगामा हो रहा है। दोनों ही सदनों में बहुत कम काम हो सका है। इससे नाराज स्पीकर सुमित्रा महाजन ने यह फैसला लेने का निर्णय किया है।  वर्तमान में भी लोकसभा अध्यक्ष किसी सांसद को सस्पेंड कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें बर्खास्त सांसद का नाम लेना होगा। जिस प्रस्ताव पर विचार किया गया है उसके नियम बन जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष को बर्खास्त करने के लिए सांसद का नाम नहीं लेना पड़ेगा।

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