सड़क पर झरने की तरह गिर रहा मलबा और उसका भारी शोर ये बताने के लिये काफी है कि आसमान से बरसी बारिश किस कदर उत्तराखंड के लोगों और पर्यटकों के लिये आफत बन चुकी है। मानसून सीजन में किसी भी क्षण पहाड़ी इलाके में आपकी गाड़ी गहरी खाई में समा सकती है। वो भाग्यशाली रहे जो बारिश से हो रहे इस भू-स्खलन और गिरते पत्थरों की चपेट में आने से बच गये। लेकिन जिनका रास्ता रुक गया वो जरुर अपने मंजिल पर जाने के दौरान फंस गये। ये तस्वीरें चम्पावत-पिथौरागढ़ नेशनल हाइवे की हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण एनएच जगह-जगह मलबे से पट गया है।

पहाड़ी से लगातार दरक रहे बोल्डरों के चलते मौके पर तैनात की गईं जेसीबी और पोकलैंड से मलबा हटाने में भी दिक्कतें हो रही हैं। इसके चलते पिछले 24 घंटे से चम्पावत-पिथौरागढ़ के टिप्पन टप के पास आवाजाही बंद है। कई बार मौके पर तैनात कर्मचारियों ने मलबा हटाने की कोशिश भी की लेकिन ऊपर से गिरते बोल्डरों के कारण उन्हें अपना काम बीच में ही रोकना पड़ा। पहाडी से रूक-रूक कर भारी भरकम मलबा गिरता रहा।

चम्पावत-पिथौरागढ़ हाइवे से गुजरने वाले सभी वाहनों को हल्द्वानी से डायवर्ट कर दिया गया है। लोगों को चम्पावत-पिथौरागढ़ की बजाय हल्द्वानी वाया देवीधुरा रोड से जाना होगा। लोहाघाट में हाईवे के पास देवदार का भारी भरकम पेड गिर गया। जिसकी चपेट में आने से कई लोग बाल-बाल बच गए। भारी बारिश से हुई तबाही ने ग्रामीण अंचल की 18 सडकें पर बंद का कहर ढाया है। कई गावों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।

शारदा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ रहा है लगभग खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। अगर पहाड में बारिश नहीं थमी तो जलस्तर और भी बढ सकता है।बारिश का कहर पिथौरागढ ग्रिड पर भी गिरा है। ग्रिड फेल होने से बिजली व्यवस्था पर बेहद बुरा असर पड़ा है। वहीं दो दिन से लगातार हो रही बारिश से शारदा काली और सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे लोगों को हरपल अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here