आज देशभर में कानून से संबंधित कोई काम नहीं हो पाएंगे क्योंकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर देशभर के वकीलों ने आज हड़ताल का ऐलान किया है। वकीलों के हड़ताल की वजह लॉ कमीशन द्वारा छीनी जा रही अधिवक्ताओं की स्वंतत्रता है। अधिवक्ता अधिनियम 2017 के विरोध में वकीलों ने 31 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है।

lawyers across the country today announced the strike.दरअसल, लॉ कमीशन ने वकीलों की हड़ताल पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के सामने कुछ सिफारिशें रखी थी। लॉ कमीशन की इन सिफारिशों में कहा गया है कि बहुत ही अनिवार्य स्थिति में वकील एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर सकते हैं और उसके लिए भी बार काउंसील ऑफ इंडिया से पहले से अनुमति लेनी पड़ेगी। वकील लॉ कमीशन की इन सिफारिशों के खिलाफ है। वकीलों की मांग है कि सरकर इन सिफारिशों को ना माने। वकीलों का मानना है कि ये सिफारिशें अधिवक्ताओं के अधिकारों में दखल डालने जैसा है। इससे वकीलों की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। हालांकि बार काउंसील ऑफ इंडिया ने भी अधिवक्तओं के हड़ताल का सर्मथन किया है।

इस हड़ताल का असर देश के हर हिस्से में देखने को मिल रहा है। इनमें जिला कोर्ट के वकील और हाई कोर्ट के वकील शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया है। यूपी बार काउंसिल के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार शुक्ला ने हड़ताल से संबंधित जानकारी देते हुए कहा अधिवक्ता अधिनियम में प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों से अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पूर्ण रुप से समाप्त हो जाएगी। जिसकी वजह से आने वाले समय में वकील अपने मुवक्किल के पक्ष में निर्भिक होकर बात नहीं रख पाएंगे और कानून व्यवस्था दगमगा जाएगी। उनके मुताबिक बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर बार काउंसिल के पदाधिकारी, देश भर के वकील, जिला तहसील अधिवक्ता संध के पदाधिकारी आठ अप्रैल को अपने इस आंदोलन की अगली रणनीति तैयार करने के लिए दिल्ली में सम्मेलन करने जा रहे हैं।

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