उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सावन के तीसरे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा पड़ा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, कैथी के मार्कंडेय महादेव और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों में कड़ी सुरक्षा के बीच लाखों शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की।

भगवान शिव के अभिषेक के लिए शिवालयों के आसपास श्रद्धालुओं की कतारें लगी हैं। विश्वनाथ मंदिर में देर शाम तक शिवभक्तों की भीड़-भाड़ रहने का अनुमान है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में सावन के सोमवार के साथ हरियाली तीज होने के कारण पुरुष के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु भी शिवालयों की ओर रुख कर रही हैं।

मान्यता है कि शिव के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा पति-पत्नी एक साथ करें तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा घर में शांति एवं समृद्धि आती है। श्रद्धालु भगवान शिव के साथ मां पार्वती की भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। शिवालयों में गत सोमवार की अपेक्षा महिला श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ उमड़ रही है। महिलाएं भी कतारों में खड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं। विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास रविवार रात से ही लंबी कतारें लगनी शुरु हो गई थीं। श्रद्धालु ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट पर आस्था की डुबकी लगाने के बाद गंगा जल लेकर मंदिर की ओर रुख कर रहे हैं। चारों तरफ अद्भूत छटा बिखरी हुई। गेरुआ रंग में रंगी पूरी शिव नगरी “बोलो बम, हर-हर महादेव” के जयकारे से गूंज रही है।

विश्वनाथ मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान दर्शन-पूजन की उम्मीद में आठ-दस घंटे पहले ही शिवभक्त कतारों में खड़े होने लगे थे। दशाश्वमेध घाट से लेकर आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंदिर तक का इलाका कांवड़ियों से पटा हुआ है। बीएचयू परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर एवं कैंथी के मार्कंण्डेय माहादेव समेत कई शिवालयों में तड़के करीब तीन-चार बजे से ही कावड़ियों एवं महिला-पुरुष शिवभक्तों की कतारें लगनी शुरु हो गई थीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि शिवालयों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं तथा किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि तीसरे सोमवार को इस धार्मिक नगरी में लाखों शिवभक्तों के आने की संभावनाओं के मद्देनजर पहले ही सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम कर लिये गए थे। सादे पोशाक में भी सुरक्षा कर्मियों तैनात किया गया है।

स्थानीय पुलिस कर्मियों के अलावा विभिन्न केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरों के माध्यम से चप्पे-चप्पे नजर रखी जा रही है। जल पुलिस को विशेष तौर पर सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। श्री कुलकर्णी ने बताया कि यातायात में बदलाव किये गए हैं और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत संभावित भीड़भाड़ वाले शिवालयों के आसपास के प्रमुख मार्गों पर चार पहिया एवं भारी वाहनों की आवाजाही पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। यातायात पुलिस की ओर से विशेष निगरानी की जा रही है। एनडीआरएफ को विशेष तौर पर सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। दशाश्वमेध घाट से लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके आसपास के बेहद भीड़भाड़ वाले इलाके की सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की भी मदद ली जा रही है।

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