उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वैसे तो कई कारणों से फेमस है, लेकिन अगर खान-पान की बात की जाये तो यहां के टुंडे कबाब हैं जो विश्व प्रसिद्ध हैं। जिसका नाम सुनते ही नॉन वेजिटेरियन लोगों के मुहं में पानी आ जाता है। लेकिन यूपी में सरकार बदलने का असर इसकी बिक्री पर पड़ रहा है।

लगभग सौ सालों में ऐसा पहली बार हुआ की कल पूरा दिन टुंडे कबाब की बिक्री नहीं हुई। टुंडे कबाब भैंस के मांस से बनाये जाते हैं लेकिन कल दुकानदारो को भैंस का मीट नहीं मिला।  आदित्यनाथ योगी के सीएम बन जाने के बाद से ही अवैध बूचडखानों को सील किया जा रहा है जिसके चलते कबाब के लिए बड़े के मांस की आपूर्ति हो गई है। अब  दुकानों पर सिर्फ चिकन और मटन ही बेचा जा रहा है। वो भी बड़ी हुई कीमतों पर।

इस पूरे मामले पर टुंडे कबाब बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि “सौ साल के ज्यादा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि त्यौहार, शादी और मौत के आलावा टुंडे कबाब की दुकान बंद हो” इसके साथ उन्होंने कहा “बाकि मीट की तुलना में बड़े के कबाब सस्ते हैं। मटन के कबाब के 4 पीस 80 रुपए के हैं तो वहीं बड़े के कबाब 40 रुपये में 4 मिलते हैं। इसे गरीब लोग आसानी से खरीद लेते हैं और कम दाम में पेट भर खा लेते हैं।”..

बता दें कि लखनऊ के टुंडे कबाब देश-विदेश में फेमस है कई बड़े सेलेब्रिटी तक लखनऊ के इन टुंडे कबाब का स्वाद चख चुके हैं।

वैसे टुंडे कबाब देश में कई जगह बेचे जाते हैं लेकिन जो स्वाद लखनऊ के टुंडे कबाब में हैं वो कहीं और नहीं। दुकानदार इसे यहां की परम्परा और मसाले का सही इस्तेमाल बताते हैं उनका कहना है टुंडे कबाब का असली स्वाद लखनऊ में ही है।

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