AAP नेता एवं कवि Kumar Vishwas ने लिखा, ‘दारू जमाखोर विधायक’ तो AAP के MLA ने कहा…

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Kumar Vishwas
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कुमार विश्‍वास (Kumar Vishwas) ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा,” पीनेवालों की उम्र 21 से 18 करने और 1000 नए ठेके खुलवाने की पॉलिसी लागू करने की सिफारिश लेकर 2016 में दिल्ली शराब माफिया,दारू जमाखोर विधायक के साथ मेरे पास आया था।मैंने दुत्कार कर भगाया था और दोनों नेताओं को चेताया था। अब छोटेवाले के साले ने 500 करोड़ की डील में मामला सेट कर लिया।”

Kumar Vishwas का ट्वीट वार

Kumar Vishwas
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दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि Kumar Vishwas ने इस कदर वार किया कि आप विधायक नरेश बाल्यान भी मैदान में उतर गए और दोनों ट्विटर पर भिड़ गए

Kumar Vishwas के ट्वीट पर Naresh Balyan का वार

Naresh Balyan
Naresh Balyan

Kumar Vishwas के इस ट्वीट के बाद AAP विधायक नरेश बालयान ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ”लगता है आज सुबह गलत पदार्थ का सेवन कर लिया है आपने, 2021 तक दिल्ली में शराब पीने की आयु 25 वर्ष थी, नई नीति के बाद 21 वर्ष की गई है, दूसरा तथ्य यह है कि शराब का एक भी ठेका नहीं बढ़ा है,4 कम हुए है, बाकी हमें पता है की राज्यसभा का दर्द जीवन भर रहेगा, ऐसे ही झूठ फैलाते रहे!!”

Kumar Vishwas ने अपने ट्वीट में कहीं भी आम आदमी पार्टी के विधायक का नाम नहीं लिया था लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालयान ने खुद ही कुमार विश्‍वास के ट्वीट पर इसका खुलासा कर दिया कि कुमार विश्‍वास की बात सही है।

Kumar Vishvas
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आम आदमी पार्टी के विधायक की प्रतिक्रिया के बाद कुमार विश्‍वास (Kumar Vishwas) ने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, “चोर जो चुप ही लगा जाता तो वो कम पिटता, बाप का नाम बताने की ज़रूरत क्या थी..!” मैंने तो बस “दारू जमाख़ोर विधायक” लिखा था, तुम ही आए थे यह जताने की ज़रूरत क्या थी बालक?”

क्या है New Excise Policy?

केजरीवाल सरकार ने साल 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है, जो 17 नवंबर 2021 से लागू हो चुकी है। नई अबकारी नीति से प्रत्‍येक वार्ड में तीन से चार शराब की दुकानें खुल रही हैं। पहले 272 वार्ड में 79 ऐसे वार्ड थे, जहां एक भी शराब की दुकानें नहीं थीं। वहीं 45 वार्ड ऐसे थे, जहां एक से दो दुकानें ही थीं। केवल आठ फीसदी वार्ड ऐसे थे, जहां पर छह से 10 शराब की दुकानें थीं।

नई नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बांटा गया है, जिसके लिए 849 लाइसेंस आवंटित किए गए हैं। इस तरह प्रत्‍येक जोन में औसतन 26 से 27 शराब की दुकानें खुल रही हैं या खुलेंगी। एक जोन में आठ से नौ वार्ड शामिल किए गए हैं। इस तरह हर इलाके में आसानी से शराब उपलब्‍ध हो रही है। इस वजह से भाजपा विरोध कर रही है। अभी तक 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी निजी हाथों में थीं, अब 100 फीसदी निजी हाथों में हैं।

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