चमोली जोशीमठ के मारवाड़ी के पास के विष्णुप्रयाग की खडी चट्टान पर लगभग 10 दिनों से एक गाय फंसी थी। हर दिन लोगों की नजर उस पर पड़ रही थी, लेकिन इस बेजुबान की मदद करने को कोई भी आगे नहीं आया। इसके बाद पुलिस, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद अलकनंदा के ऊपर बडी चट्टान पर संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। आईटीबीपी, एसडीआरएफ जवानों ने जान पर खेलकर गाय को बचाया।

इसके बाद आईटीबीपी के 19 जवानों, पुलिस और एसडीआरएफ ने कड़ी मशक्कत के बाद रस्सी के माध्यम से गाय को बांध कर निकाला। चट्टान इतनी खतरनाक है कि गाय का पैर फिसल जाता तो गाय अलकनंदा नदी की तेज धार में भी समा सकती थी। रेस्क्यू के बाद गाय को मारवाड़ी गांव के पास छोड दिया गया है।

इस बेजुबान जानवर को वहां किसी ने छोडा था या वह खुद पहुंची थी, इसका पता नहीं चल पा रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने गाय को जंगल में छोड़ दिया था। यहां से गाय पहाड़ी पर चढ़ गई लेकिन उतरना उसके वश का नहीं था। लेकिन आईटीबीपी के जांबाजों के ऑपरेशन से एक बेजुबान की जान बच गई। विष्णुप्रयाग की पहाड़ियों पर पिछले दस दिनों से ये गाय फंसी हुई थी। इस दौरान चट्टान पर फंसी गाय को निकालने के लोगों ने कई बार प्रयास किये जो असफल रहे। इसके बाद आईटीबीपी , एसडीआरएफ और पुलिस के जवानों ने डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर गाय को नई जिंदगी दे दी।

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