सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर का रविवार सुबह कोलकाता में निधन हो गया। 68 वर्षीय जस्टिस अल्तमस लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जस्टिस अल्तमस भारत के 39 वें चीफ जस्टिस रहे थे। कबीर के बाद पी सदाशिवम ने उनकी जगह ली थी। जस्टिस अल्तमस 29 सिंतबर 2012 से 19 जुलाई 2013 तक चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत रहे। उनका जन्म कोलकाता में 19 जुलाई 1948 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की शिक्षा पूरी की और 6 अगस्त 1990 को कलकत्ता हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस का पद संभाला। 1 मार्च 2005 को उन्हें झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। जस्टिस कबीर 9 सितंबर 2005 को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए थे।
जस्टिस अल्तमस का कार्यकाल विवादों में रहा था। गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भाष्कर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में उनके प्रमोशन में बाधा पैदा की थी। जस्टिस अल्तमस पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में दूसरी बेंच के मामलों पर भी सुनवाई कर दी थी। जस्टिस अल्तमस उस बेंच में शामिल थे जिसमें दो इटैलियन मरीन्स पर केरल के दो मछुआरों पर गोली चलाने का आरोप था, इसमें दोनों ही मछुआरों की मौत हो गई थी। रिटायरमेंट से पहले नीट मामले के विवाद में भी उनका नाम जोड़ा गया। कहा गया कि मामले की जानकारी फैसले से पहले ही लीक हो गई थी। जस्टिस अल्तमस कबीर निर्भया गैंग रेप के बाद एडल्ट ऐज लिमिट को 18 से घटाकर 16 करने जैसे और कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई में शामिल रहे थे।