वर्षों से सूखे की मार झेल रहा बुंदेलखंड को झांसी की बेटी स्ट्रॉबेरी की खेती करना सिखा रही है। झांसी जैसे छोटे शहर में कई ऐसे फल हैं जो आसानी से नहीं मिलते हैं इसी बात को ध्यान में रखकर गुरनील चावला ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का विचार बनाया।

गुरनील की इस पहल से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने प्रभावित हुए कि, मन की बात कार्यक्रम में गुरनील का जिक्र किया जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरनील से मुलाकात भी की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरलीन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, उन्होंने अपने संकल्प और परिश्रम से झांसी की धरती को स्ट्रॉबेरी की खेती के अनुकूल बनाया है। मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की अभिनव पहल से अधिक से अधिक किसानों और युवाओं को जोड़े जाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती जहां एक ओर किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी। वहीं ‘स्ट्रॉबेरी महोत्सव’ जैसे आयोजनों से बाजार की जरूरतों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। सीएम ने आगे कहा कि अपेक्षा की कि वे झांसी के किसानों को कृषि विविधीकरण के इस प्रयास में जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कृषि उत्पाद को ऑर्गेनिक प्रमाणित करने के लिए मंडल स्तर पर प्रयोगशाला की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

सुलतानपुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती और झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती किए जाने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगाईं, जिनके बारे में यह धारणा थी कि वे स्थानीय जलवायु और भूमि के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने इन उत्पादों की मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की व्यापक व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी दिए।  

बता दें कि गुरनील चावला महाराष्ट्र के पुने से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। वे स्ट्रॉबेरी की काफी शौकीन हैं। लॉकडाउन में जब गुरनील अपने घर झांसी आईं तो स्ट्रॉबेरी नहीं मिल रही थी जिसके बाद उन्होंने पहले गमले में फल को उगाना शुरू किया फिर 1.5 एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती ही कर डाली।

प्रधानमंत्री से प्रोत्साहन मिलने के बाद गुरनील ने कहा कि, “मेरी छोटी सी पहल को प्रधानमंत्री ने मन की बात में रखा मैं इसके लिए उनकी शुक्रगुजार हूं। ये वक्त मेरे और झांसी सहित पूरे चावला परिवार के लिए गर्व का है।”

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