संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन भी सदन के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। लोकसभा में दो बजे के राफेल सौदे को लेकर बहस शुरु हुई और इस बहस की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की।

राहुल गांधी ने लोकसभा में राफेल के मुद्दे पर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।  इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 126 की बजाए 36 एयरक्राफ्ट की डील क्यों की? इतना ही नहीं उन्होंने पूछा ये विमान अब तक आए क्यों नहीं। लोकसभा में राहुल गांधी के बयान के दौरान एआईएडीएमके के सांसद संसद में हंगामा करते रहे। सदन में कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल मामले में जेपीसी की मांग की। राहलु गांधी ने कहा कि आजतक एक भी राफेल विमान भारत क्यों नहीं पहुंचा,  बीजेपी जेपीसी की जांच से क्यों डर रही है। उन्होंने कहा कि इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि राफेल की प्रक्रिया से हम संतुष्ट हैं। जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ने हमें एक बार फिर निराश किया है क्योंकि हमें इनसे उम्मीद थी कि ये कुछ पुख्ता बातें सदन में रखेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पिछले 6 महीने में इस मामले में झूठ बोला है, जेटली ने ऑडियो टेप को फर्जी बताया और कहा कि इसकी जांच हो रही है।

अरुण जेटली ने आगे कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि सबसे पुराने पार्टी के नेता को राफेल लड़ाकू विमान के बारे में कुछ पता ही नहीं है। देश के कुछ परिवारों को पैसे का गणित समझ आता है उनका देश की सुरक्षा समझ नहीं आती है। अरुण जेटली ने पूराने विवादों का भी सदन में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कई बोफोर्स और हेराल्ड में कांग्रेस ने साजिश रची थी। रक्षा सौदों के साजिशकर्ता आज हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं।

जेटली ने कहा कि राफेल विमान देश की आवश्यकता है ताकि सेना को मजबूती मिल सके। जेटली के बयान के दौरान हंगामा होता रहा। कई सांसदों ने कागज के हवाई जहाज भी उड़ाए जिससे लोकसभा स्पीकर भड़क गईं। हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3:30 तक स्थगित हो गई। जिसके बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई। अरुण जेटली ने कांग्रेस की जेपीसी की मांग को ठुकरा दिया। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी की क्या जरूरत। जेपीसी की मांग नीति की बात नहीं। बोफोर्स में घोटाला करने वाले जेपीसी की मांग करते हैं।

 

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