बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंदिरा बिश्नोई को राजस्थान पुलिस की एटीएस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इंदिरा को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक इंदिरा वहां नर्मदा नदी के किनारे ठिकाना बनाकर रह रही थी। इंदिरा को एक समर्थक ने अपने यहां पनाह दे रखी थी जहां वह एक सामान्य महिला के रूप में जीवन बिता रही थी। जानकारी के अनुसार इंदिरा न तो फोन का प्रयोग कर रही थी और न ही एटीएम का।  गिरफ्तारी के बाद उसे आज जोधपुर में सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।  आपको बता दें कि इस मामले में एक पूर्व मंत्री और एक विधायक सहित 16 आरोपी जेल में है जिसमें इंदिरा विश्वनोई के भाई और पूर्व विधायक मलखान सिंह भी जेल में है।

दरअसल भंवरी देवी  का 1 सितंबर 2011 को अपहरण किया गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी।इस अपहरण और हत्या में इंदिरा बिश्नोई भी शामिल थी।  कहा जाता है कि भंवरी के इंद्रा के भाई और कांग्रेस के पूर्व एमएलए मलखान सिंह विश्नोई से संबंध थे। जिससे उनकी एक बेटी भी थी। भंवरी उस बेटी का हक मांगने की धमकी दे रही थी। इंद्रा ने उसे ऐसा करने से रोका था। इतना ही नहीं भंवरी देवी के संबंध राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से थे। उनके साथ उसकी सीडी उन दिनों काफी चर्चा में रही थी। इंदिरा भंवरी के पास मौजूद मदेरणा की सीडी भी हासिल करना चाहती थी। इसके लिए उसने अपने भाई मलखान और रिश्तेदार सोहनलाल की मदद से भंवरी को अगवा करवा लिया था। अगवा करने के बाद भंवरी को विश्नाराम की गैंग को सौंप दिया गया। यह गैंग कुछ दिन तक भंवरी को टॉर्चर कर सीडी हथियाने की कोशिश करता रहा। सीडी का पता चला तो उसे हासिल करने के लिए कार से भंवरी के साथ निकले। रास्ते में भंवरी ने ज्यादा विरोध किया तो उसका मर्डर कर दिया।इस मामले में इंदिरा से  3 नवंबर 2011 को सीबीआई ने पहली बार पूछताछ की थी। एक महीने में उससे 6 बार पूछताछ की गई। फिर 3 दिसंबर 2011 को वह फरार हो गई थी।

अब इंद्रा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। उधर, एससी-एसटी कोर्ट में सीबीआई के गवाहों के क्रॉस एक्जामिनेशन भी आखिरी दौर में है। लापता होने से पहले इंद्रा बिश्नोई ने मीडिया के सामने यह भी कहा कि उसने मुंह खोल दिया तो कई बड़े लोग संकट में आ जाएंगे। एटीएस उसे सीबीआई को सौंपेगी।

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